हिंदू समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष कमलेश तिवारी के हत्यारोपियों मोइनुद्दीन और अशफाक की मदद करने वाले बरेली के वकील मो. नावेद और लखीमपुर के पलिया निवासी रईस और आसिफ को पूछताछ के बाद पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. नावेद ने हत्या के दोनों आरोपियों अशफाक और मोइनुद्दीन को बरेली में दरगाह में रुकवाने से नेपाल बार्डर तक पहुंचाने में मदद की थी. रईस और आसिफ ने नावेद के ही कहने पर दोनों को 10 हजार रुपये की मदद की थी. एसटीएफ, एसटीएस और क्राइम ब्रांच की टीमें नावेद के पार्टनर की तलाश में जुटी हैं.
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कमलेश तिवारी के हत्या के मामले में बरेली से अब तक दो लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है. हत्यारों के मददगार दरगाह आला हजरत के नातख़्वाह मौलाना कैफ़ी अली और दिल्ली हाईकोर्ट के वकील नावेद की गिरफ्तारी हो चुकी है. नावेद बरेली के मलुकपुर में रहकर ट्रैवल एजेंसी चला रहा था. नावेद और कैफी ने मिलकर हत्यारों मोइनुद्दीन और अशफाक को होटल में ठहराने, खाना खिलाने, इलाज कराने और पुलिस से बचाकर भगाने में मदद की थी.
कमलेश हत्याकांड में अब तक 10 की गिरफ्तारी हो चुकी है. हाल ही में हत्या के आरोपी मोइनुद्दीन और अशफाक को गुजरात के आतंकवाद निरोधक दस्ते (एटीएस) ने गिरफ्तार किया था. उसने दो मुख्य आरोपियों को उस समय गिरफ्तार कर लिया, जब वे राजस्थान से गुजरात में प्रवेश कर रहे थे. दोनों गुजरात-राजस्थान सीमा स्थित सूरत के शामलजी के रहने वाले हैं. दोनों उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर से नेपाल पहुंचे और वहां से राजस्थान होते हुए गुजरात में प्रवेश कर रहे थे. शेख मेडिकल रिप्रेजेंटेटिव के रूप में काम करता था, जबकि पठान फूड डिलिवरी ब्यॉय (खाना पहुंचाने वाला) का काम करता था.
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कमलेश तिवारी के कल्त की साजिश रचने वाले मौलाना शेख सलीम, फैजान और राशिद पठान को पहले ही गुजरात के सूरत से गिरफ्तार कर लिया गया था. घटनास्थल से जांच के दौरान मिले मिठाई के डिब्बे से अहम सुराग मिले, जिसकी मदद से पुलिस इन तीन आरोपियों तक पहुंच सकी थी. बता दें कि तिवारी की हत्या 18 अक्टूबर को लखनऊ में की गई थी.
Source : न्यूज स्टेट ब्यूरो