मुख्यमंत्री आरोग्य मेला योगी मॉडल की नजीर पेश कर रहा है. पिछले साल शुरू किए गए मुख्यमंत्री आरोग्य मेला से लोगों के जीवन में खुशहाली और उमंग का संचार हो रहा है. इससे लोगों का जीवन आसान हो रहा है और अब लोगों को घर के पास ही ईलाज की बेहतर सुविधा मिल रही है. यही नहीं, गंभीर रोगियों को उच्च संस्थानों के लिए रेफर भी किया जा रहा है. लोगों के लिए मुख्यमंत्री आरोग्य मेला योगी मॉडल का कारगर हथियार बन गया है.
मेले की सफलता का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि पिछले साल हुए मात्र सात मेलों में 31 लाख 36 हजार लोगों का उपचार किया गया और चिह्नित 32,425 कुपोषित बच्चों को विभिन्न योजनाओं के तहत पोषित भी बनाया जा रहा है. इसके अलावा 76,063 रोगियों को बेहतर उपचार के लिए उच्चतर चिकित्सा संस्थानों में रेफर किया गया और आयुष्मान भारत योजना के तहत 2,30,890 लोगों को गोल्डन कार्ड भी दिए गए.
कोरोना के कारण रोका गया था मेलों का आयोजन
सीएम योगी ने प्रदेश के अब तक के सबसे बड़े ‘मुख्यमंत्री आरोग्य मेला’ की शुरूआत आज से दुबारा कर दी है. इससे पहले प्रदेश में लोगों के ईलाज के लिए कोई स्वास्थ्य मेला नहीं लगाया जाता था. पिछले साल दो फरवरी से 15 मार्च के बीच सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों पर हर रविवार को सात आरोग्य मेलों का आयोजन किया गया था. इसके बाद कोविड-19 महामारी को देखते हुए मेलों की कार्यवाही रोक दी गई थी.
अब हर रविवार को पीएचसी पर लगेगा आरोग्य मेला
कोरोना महामारी पर नियंत्रण के बाद मुख्यमंत्री के निर्देश पर प्रदेश में फिर से 34 सौ से अधिक प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर 'मुख्यमंत्री आरोग्य मेला' की शुरूआत कर दी गई है. अब 10 जनवरी से प्रदेश के सभी शहरी और ग्रामीण प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर हर रविवार सुबह 10 से अपराह्न 04 बजे तक मेले का आयोजन किया जा रहा है.
ईलाज के साथ दवाईयां भी मिल रही निशुल्क
मेले में प्राथमिक जांच, आधारभूत पैथालॉजिकल जांचों, विशेष रूप से रैपिड डायग्नोस्टिक किट आधारित जांच की सुविधा दी जा रही है. इसके अलावा निशुल्क दवाईयां भी वितरित की जा रही हैं. आरोग्य मेले के दौरान पात्र व्यक्तियों को आयुष्मान भारत योजना के कार्ड भी दिए जा रहे हैं.
कोविड प्रोटोकाल का हो रहा पालन
मेले में कोविड-19 प्रोटोकॉल का पूरा ध्यान रखने के निर्देश दिए गए हैं. मेलों के प्रवेश द्वार पर पल्स ऑक्सीमीटर और थर्मल स्क्रीनिंग की व्यवस्था सहित एक कोविड हेल्प डेस्क बनाया गया है. स्क्रीनिंग के बाद ही लोगों को प्रवेश दिया जा रहा है, सैनिटाइजेशन और मास्क अनिवार्य है. मेलों के प्रवेश द्वार पर भीड़ को नियंत्रित करने और व्यवस्था के लिए जरूरत के अनुसार स्वैच्छिक संगठनों एनसीसी, एनएसएस, नेहरू युवा केन्द्र, युवक मंगल दल आदि के स्वयं सेवकों की सहायता भी ली जा रही है.
Source : News Nation Bureau