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माध्यमिक शिक्षा के 436 प्रवक्ताओं और सहायक अध्यापकों को योगी सरकार का तोहफा

नवचयनित प्रवक्ताओं और सहायक अध्यापकों को सफलता की बधाई देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि इस सफलता ने आपके भीतर जिस आत्मबल और आत्मविश्वास को बढ़ाया है, वह प्रदेश के स्वर्णिम भविष्य की झलक दिखाता है.

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Ravindra Singh
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CM Yogi Adityanath

सीएम योगी आदित्यनाथ( Photo Credit : फाइल )

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उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार को माध्यमिक शिक्षा के 436 नवचयनित प्रवक्ताओं एवं सहायक अध्यापकों को नियुक्ति पत्र वितरण किया. मुख्यमंत्री योगी मुख्यमंत्री आवास पर हुए कार्यक्रम में 6 नवचयनित अभ्यर्थियों को मुख्यमंत्री के हाथों नियुक्ति पत्र मिला, जबकि कार्यक्रम से वर्चुअल माध्यम से जुड़े शेष नवचयनित युवाओं को स्थानीय जनप्रतिनिधियों द्वारा नियुक्ति पत्र प्राप्त हुए. नवचयनित प्रवक्ताओं और सहायक अध्यापकों को सफलता की बधाई देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि इस सफलता ने आपके भीतर जिस आत्मबल और आत्मविश्वास को बढ़ाया है, वह प्रदेश के स्वर्णिम भविष्य की झलक दिखाता है.

उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में चयन का मापदंड केवल मेरिट है. बीते 3 वर्ष 10 माह के भीतर प्रदेश के पौने चार लाख युवाओं की सरकारी नौकरी का सपना साकार हुआ है. सभी नियुक्तियां शुचिता, पारदर्शिता और गोपनीयता की प्रमाण हैं. एक भी चयन पर सवाल या संदेह नहीं किया जा सकता. जो युवा चयनित हुए हैं, उनकी प्रतिभा, क्षमता और मेहनत ने उन्हें सफलता दिलाई है.

मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि शिक्षक की सेवा महज 6-8 घंटे की नहीं होती, बल्कि शिक्षक जीवनर्पयत शिक्षक ही होता है. उन्होंने कहा कि भविष्य का भारत कैसा होगा, इसकी नींव यही शिक्षक अपनी कक्षाओं में रखेंगे. नवचयनित प्रवक्ताओं और अध्यापकों को समाज निर्माण की महती जिम्मेदारी का आभास कराते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी शिक्षक अपने तय विषय के अलावा अन्य विषयों की जानकारी भी रखें. शासन की नीतियों और जनकल्याणकारी नीतियों को समझें और यथासंभव समाज के लोगों को लाभान्वित करें.

नियुक्ति पत्र वितरण कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने अयोध्या, वाराणसी, चित्रकूट और महराजगंज आदि जनपदों के नवचयनित शिक्षकों से संवाद भी किया. सफल अभ्यर्थियों ने पूरी चयन व्यवस्था को शुचिता के साथ आयोजित होने की बात कही. साथ ही, पारदर्शिता पूर्ण चयन प्रक्रिया पूरी करने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के प्रति आभार भी ज्ञापित किया. मुख्यमंत्री ने कहा कि सीखने की कोई सीमा नहीं होती. कोई भी कभी पूर्ण नहीं होता. हर गतिविधि कुछ न कुछ सिखाती है.

शिक्षक होने के बाद भी हमें हमेशा कुछ नया अभिनव सीखते-पढ़ते रहना चाहिए. हमारी शिक्षा व्यवस्था महज किताबी न रहे, बल्कि व्यवहारिक बने, इसकी जिम्मेदारी इन्हीं शिक्षकों की है. उन्होंने 4 फरवरी से शुरू हो रहे चौरीचौरा घटना के शताब्दी वर्ष और 15 अगस्त से देश की आजादी की 75वीं वर्षगांठ के आयोजनों से अधिकाधिक छात्रों को जोड़ने के लिए नवचयनित शिक्षकों को प्रेरित भी किया. इसके साथ ही, सीएम योगी ने कहा कि दशकों बाद देश में भविष्य की जरूरतों के मुताबिक नई शिक्षा नीति तैयार हुई है. यह नीति भारत को दुनिया में ज्ञान का केंद्र बनाने वाली है.

संवाद के दौरान एक वाराणसी की अपर्णा पांडेय और मुख्यमंत्री के बीच रोचक बातचीत भी हुई. संस्कृत प्रवक्ता पद के लिए चयनित अपर्णा से मुख्यमंत्री योगी ने संस्कृत में ही बातचीत की. योगी ने पूछा कि भवत्या नाम किम्? जवाब में अपर्णा ने भी संस्कृत में जवाब देते हुए कहा 'मम नाम अपर्णा.' इसके बाद योगी ने अपर्णा द्वारा कालिदास रचित कुमारसम्भवम पर उनके द्वारा लिखित टीका के बारे में जानकारी ली.

इससे पहले, उपमुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा ने कहा कि प्रदेश के माध्यमिक शिक्षा विभाग ने पारदर्शी तंत्र का उदाहरण प्रस्तुत किया है. आज नवीन संबद्धता से लेकर, स्थानांतरण, रिजल्ट सहित सभी व्यवस्था ऑनलाइन हो गई हैं. कोविडकाल में भी पठन-पाठन सुचारु रखने में डिजिटल तंत्र की भूमिका रही.

Source : News Nation Bureau

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