उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के मेरठ जिले में स्वाइन फ्लू की आशंका के चलते एहतियातन पीएसी (PAC) की छठी वाहिनी के 482 जवानों के कैंपस से बाहर निकलने पर 14 दिन के लिए रोक लगा दी गई है. मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) डा. राजकुमार ने बताया कि छठी वाहिनी के 482 जवानों को टेमी फ्लू दवा दी गई है. सीएमओ के अनुसार स्वास्थ्य विभाग की सलाह पर छठी वाहिनी के कमाडेंट ने एहतियातन उनके 14 दिन तक कैंपस से बाहर निकलने पर रोक लगा दी है, ताकि स्वाइन फ्लू (Swine flu) वायरस और न फैले. इन्हें पांच दिन तक टेमी फ्लू दी जाएंगी.
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उन्होंने बताया कि मेडिकल कॉलेज में भर्ती स्वाइन फ्लू से पीड़ित पीएसी के 17 जवानों की तबीयत में सुधार आया है. सीएमओ के अनुसार, चूंकि एक-एक कमरे में 20-20 जवान रहते हैं, ऐसे में एक को स्वाइन फ्लू होने पर दूसरों को भी होने की आशंका बनी रहती है. उन्होंने बताया कि शनिवार को मेडिकल कॉलेज के चिकित्सक और छह माह के बच्चे समेत स्वाइन फ्लू के छह और मरीज मिले हैं.उनका निजी और सरकारी अस्पतालों में इलाज चल रहा है.
सीएमओ राजकुमार ने बताया कि मेरठ में इस साल 78 लोगों को स्वाइन फ्लू हो चुका है. इस बीमारी से 12 लोगों की मौत हुई, जिनमें 9 स्थानीय और 3 दूसरे जिलों के हैं. सीएमओ के अनुसार स्वाइन फ्लू को लेकर प्रशासन बेहद गंभीर है. उसके निर्देश पर कल शाम लखनऊ से तीन सदस्यीय टीम मेरठ पहुंची. उसने मेडिकल में भर्ती पीएसी जवानों और दूसरे अस्पतालों में भर्ती 24 मरीजों का हाल जाना और उसने देर रात शासन को रिपोर्ट भेज दी.
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सीएमओ का कहना है चीन के शंघाई और इटली से शनिवार को आए दो और युवकों की निगरानी स्वास्थ्य विभाग ने 14 दिनों के लिए शुरू कर दी है. अगर इन्हें खांसी-जुकाम और बुखार बना रहता है तो इनका सैंपल लखनऊ या दिल्ली प्रयोगशाला भेजा जाएगा.
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