ताजगंज क्षेत्र के कटरा फुलेल में 50 वर्ष पुरानी नगर निगम की डिस्पेंसरी इन दिनों अपनी बदहाली पर आंसू बहाने को मजबूर है. बीते वर्षों स्मार्ट सिटी योजना के तहत डिस्पेंसरी का कायाकल्प होना था. स्मार्ट सिटी विभाग के अधिकारियों ने एएसआई से कायाकल्प के लिए अनुमति मांगी. आज तक एएसआई द्वारा निर्माण की अनुमति न मिलने से अब डिस्पेंसरी खंडहर में तब्दील हो चुकी है. स्मार्ट सिटी योजना के तहत डिस्पेंसरी का पुनर्निर्माण को लेकर क्षेत्रीय लोगों की मांग उठने लगी है. क्षेत्रीय लोग लगातार प्रदर्शन कर एक अभियान चलाकर नगर निगम की डिस्पेंसरी को पुनः चालू करने की मांग उठा रहे हैं .
आगरा के ताजगंज क्षेत्र में 30 हजार की आबादी के बीच एक डिस्पेंसरी है. वो भी अब खंडहर हो गई है. स्मार्ट सिटी के नाम पर 50 वर्ष पुरानी इमारत को तोड़ा गया था. नए निर्माण के लिए पिछले डेढ़ वर्ष से ASI से एनओसी नहीं मिली है. लोगों ने बताया कि डिस्पेंसरी नगर निगम और ASI यानी भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के बीच फंस गई है. स्मार्ट सिटी के तहत यहां पुरानी बिल्डिंग की जगह नई बिल्डिंग का निर्माण कराया जाना था. पुरानी बिल्डिंग तो तोड़ दी गई. नई बिल्डिंग का बीते डेढ़ वर्ष से निर्माण नहीं हुआ है. यहां सिर्फ खंडहर बचा है. आसपास के लोगों लम्बे समय से डिस्पेंसरी निर्माण की मांग कर रहे हैं.
यह डिस्पेंसरी ताजमहल के पास में है. इसे जल्द चालू कराया जाए. इससे ताज आने वाले पर्यटकों को सुविधा मिलती है. पहले यह डिस्पेंसरी वार्ड 44 में आती थी. नए परिसीमन के हिसाब से अब यह वार्ड 45 हो गया है. ताजगंज क्षेत्र में कटरा फुलेल के करीब 30 हजार लोग यहां इलाज की सुविधा मिलती थी. आसपास के गांव के लोग भी आते थे. एक रुपये में पर्चा बनने के बाद इलाज मिलता था. अब लोग परेशान हैं.
स्थानीय निवासीयों का कहना है. कि यह बिल्डिंग अंग्रेजों के समय की है. जब तोड़ी गई थी तो लगभग 02 मीटर चौड़ी दीवार निकलीं. स्मार्ट सिटी के नाम पर बेवजह इसको तोड़ दिया गया. जच्चा-बच्चा केंद्र और अस्पताल में पहले स्टाफ आता था,अब यहां बैठने की जगह हीं नहीं. इसलिए कोई स्टाफ नहीं आता है. क्षेत्रीय लोग डिस्पेंसरी चालू कराने के लिए बड़े आंदोलन की तैयारी कर रहे हैं. लोगों का कहना है कि नगर निगम की यह डिस्पेंसरी बंद होने से क्षेत्र के लोगों को स्वास्थ्य सुविधाएं नहीं मिल रही हैं. निजी अस्पतालों में महंगा इलाज कराने को वे मजबूर हैं. क्षेत्र लोग डिस्पेंसरी चालू कराने के लिए मुख्यमंत्री पोर्टल पर भी शिकायत दर्ज करा चुके हैं. जिम्मेदार अधिकारियों ने अभी तक समस्या का समाधान नहीं किया है.
Source : Vineet Dubey