वाहनों के धुंए से बढ़ते प्रदूषण के मद्देनजर उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने के लिए योजना को मंजूरी दी है. सरकार का प्लान पहले राज्य में 600 इलेक्ट्रिक बसें चलाने का है. लखनऊ समेत प्रदेश के 11 शहरों में 600 इलेक्ट्रिक सिटी बसें चलाई जाएंगी. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक उद्योग मंत्रालय को पिछले महीने 11 शहरों के लिए 1100 इलेक्ट्रिक बसें चलाने का प्रस्ताव भेजा गया था. जिसने में फिलहाल 600 बसें चलाने की मंजूरी दी गई है.
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रिपोर्ट्स के मुताबिक, शहरों में आबादी के हिसाब से बसें चलाई जाएंगी. सरकार का तीन बड़े शहर राजधानी लखनऊ, कानपुर, आगरा में 100-100 बसें चलाने का प्लान है. जबकि मथुरा, वाराणसी, गाजियाबाद और प्रयागराज में 50-50 बसें चलाई जाएंगी. वहीं बरेली, अलीगढ़, झांसी और मुरादाबाद में 25-25 बसें चलाई की तैयारी है. मंत्रालय की ओर से एक बस के एवज में 45 लाख रुपये के मूल्य से 270 करोड़ रुपये की आर्थिक मदद दी जाएगी.
यह अभी यह इलेक्ट्रिक सिटी बसें कॉन्ट्रैक्ट बेस पर चलेंगी. सभी शहरों में अभी यह इलेक्ट्रिक सिटी बसें कॉन्ट्रैक्ट बेस पर चलेंगी. इसके लिए टेंडर के जरिए ऑपरेटर्स का चयन होगा. खबरों के अनुसार, बस संचालित कंपनी को नगरीय परिवहन निदेशालय डिपो में करोड़ों की लागत से बनने वाले चार्जिंग शेड, रूट पर चार्जिंग प्वाइंट और बिजली उपकेंद्र समेत सभी संसाधन मुहैया कराए जाएंगे. हालांकि भारी उद्योग मंत्रालय ने एक बार पहले अनुबंधित कंपनी के संचालन रेट अधिक बता कर टेंडर को निरस्त कर दिया था.
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बता दें कि योगी सरकार इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने के लिए काफी समय से प्रयास कर रही थी. इसी के मद्देनजर सरकार ने इलेक्ट्रिक व्हीकल्स की यूनिट लगाने वाली कंपनियों को जमीन के सर्किल रेट और टैक्स में बड़ी छूट देने की योजना की तैयारी की है. इलेक्ट्रिक व्हिकल्स योजना पर योगी सरकार ने 5 साल में 40 हजार करोड़ रुपये का इन्वेस्टमेंट करने का फैसला किया है. सरकार का मानना है कि इस योजना से करीब 50 हजार लोगों को रोजगार मिल सकेगा.
खबरों के मुताबिक, सरकार की ओर से इलेक्ट्रिक व्हीकल्स की मेगा यूनिट लगाने वालों को जमीन खरीदने पर मार्केट या सर्किल रेट के 25 प्रतिशत अनुदान के अलावा कई अन्य सुविधाएं दी जाएंगी. चार्जिंग स्टेशन के लिए प्राइवेट निवेशक को कैपिटल सब्सिडी भी मिलेगी. मेगा एंकर यूनिट, जिसके बारे में अम्ब्रेला पॉलिसी में जिक्र नहीं है, उन्हें यहां फायदा मिल सकेगा. टेक्नोलॉजी के ट्रांसफर पर 100 फीसदी या 50 लाख रुपये तक की सब्सिडी मिलेगी. इलेक्ट्रिक व्हीकल्स का रजिस्ट्रेशन फ्री होगा और रोड टैक्स में भी 25 फीसदी की छूट मिलेगी.
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