69000 शिक्षक भर्ती का मामला, सुप्रीम कोर्ट ने प्रश्रपत्र और आंसर शीट को यूजीसी पैनल को न भेजने की याचिका पर सुनवाई से किया इंकार

यूपी में 69000 शिक्षक भर्ती का मामला. सुप्रीम कोर्ट से यूपी सरकार को राहत. कोर्ट ने इलाहाबाद हाइकोर्ट द्वारा प्रश्रपत्र और आंसर शीट को यूजीसी पैनल को न भेजने के डबल बेंच के आदेश को चुनोती देने वाली याचिका पर सुनवाई से इंकार किया.

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Sushil Kumar
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प्रतीकात्मक फोटो( Photo Credit : फाइल फोटो)

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यूपी में 69000 शिक्षक भर्ती (Teacher Recruitment) का मामला. सुप्रीम कोर्ट से यूपी सरकार को राहत. कोर्ट ने इलाहाबाद हाइकोर्ट (Allahabad Highcourt) द्वारा प्रश्रपत्र और आंसर शीट को यूजीसी पैनल को न भेजने के डबल बेंच के आदेश को चुनोती देने वाली याचिका पर सुनवाई से इंकार किया. कोर्ट ने याचिकाकर्ता कैंडिडेट को इसके लिए हाई कोर्ट में ही अपील दायर करने को कहा है. दरअसल हइकोर्ट की सिंगल बेंच ने कुछ प्रश्नों पर भ्रम की स्थिति पाते हुए पूरी चयन प्रक्रिया पर रोक लगा दी थी. सिंगल बेंच ने प्रश्रपत्र को जांचने के लिए यूजीसी पैनल को भेजने के लिए कहा था. इस फैसले के खिलाफ डबल बेंच के सामने अर्जी दायर की गई और हाईकोर्ट की डबल बेंच ने 12 जून को सिंगल बेंच के आदेश पर रोक लगा दी थी. जिसके बाद शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया चालू करने का रास्ता साफ हो गया था. इलाहाबाद हाईकोर्ट की डिवीजन बेंच के इस आदेश को कुछ कैंडिडेट ने सुप्रीम कोर्ट में चुनोती दी थी. जिस पर आज SC ने सुनवाई से इंकार कर दिया. 

हाईकोर्ट की डबल बेंच ने 12 जून को सिंगल बेंच के आदेश पर रोक लगा दी 

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वहीं इससे पहले कांग्रेस महासचिव और यूपी प्रभारी प्रियंका गांधी (Priyanka Gandhi) ने 69000 शिक्षक भर्ती मामले को लेकर प्रदेश सरकार पर निशाना साधा है. जिस तरह से शिक्षक भर्ती में गड़बड़ियों का मामले सामने आए हैं उसके बाद प्रियंका गांधी ने कहा कि यूपी में युवाओं का भविष्य रौंदा जा रहा है. उन्होंने रविवार को ट्वीट करके कहा कि कोरोना (Corona Virus) महामारी के दौरान सरकार को नॉन कोविड बीमारियों और अन्य स्वास्थ्य सुविधाओं को बहुत गंभीरता से लेना होगा. इस संदर्भ में किसी भी चूक के गंभीर परिणाम हो सकते हैं.कांग्रेस महासचिव ने शिक्षिका प्रकरण पर कहा है कि यूपी में एक शिक्षिका 13 महीने तक 25 स्कूलों से वेतन लेती रही.

नॉन कोविड बीमारियों और अन्य स्वास्थ्य सुविधाओं को बहुत गंभीरता से लेना होगा

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न जाने और ऐसे कितने स्कूलों में इस तरह के फर्जीवाड़े से बच्चों की शिक्षा के साथ खिलवाड़ हो रहा होगा. दरअसल ओबीसी वर्ग में अर्चना तिवारी नाम की छात्रा के टॉप करने के बाद अब तीन अभ्यर्थियों के फर्जीवाड़ा का मामला सामने आया है. 69000 सहायक शिक्षक भर्ती परीक्षा में फर्जीवाड़ा कर पास हुए धर्मेंद्र, विनोद समेत तीन अभ्यर्थियों को गिरफ्तार किया गया है. पूछताछ में पता चला कि धर्मेंद्र को परीक्षा में 150 में से 142 अंक मिले हैं. लेकिन हैरान कर देने वाली तस्वीर तब सामने आई एएसपी अशोक वेंकटेश ने उससे देश के राष्ट्रपति का नाम पूछा और धर्मेंद्र इसका जवाब नहीं दे सका.

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