Advertisment

मुजफ्फरनगर दंगा : दोषी ठहराए गए सभी 7 आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा

स्‍थानीय कोर्ट ने 6 फरवरी को 7 आरोपियों को दोषी ठहराया था. सजा सुनाए जाने के लिए आज का दिन मुकर्रर किया गया था.

author-image
Sunil Mishra
एडिट
New Update
मुजफ्फरनगर दंगा : दोषी ठहराए गए सभी 7 आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा
Advertisment

मुजफ्फरनगर दंगों में दोषी ठहराए गए सभी आरोपियों को उम्रकैद की सजा सुनाई गई है. स्‍थानीय कोर्ट ने 6 फरवरी को 7 आरोपियों को दोषी ठहराया था. सजा सुनाए जाने के लिए आज का दिन मुकर्रर किया गया था. माना जाता है कि कवाल की घटना के बाद ही मुजफ्फरनगर में दंगे भड़के थे. बाद में माहौल और बिगड़ता चला गया. सात सितंबर की नंगला मंदौड़ पंचायत से लौटते लोगों पर कई जगह हमले हुए. अगले दिन हिंसा भड़क उठी थी.

27 अगस्त 2013 को कवाल गांव में हुई शाहनवाज, सचिन और गौरव की हत्या के बाद जिले में दंगा भड़क गए थे. वादी पक्ष के अधिवक्ता अनिल जिंदल ने बताया कि इस मामले में मृतक गौरव के पिता रविन्द्र की ओर से जानसठ कोतवाली में कवाल निवासी मुजस्सिम, मुजम्मिल, फुरकान, नदीम, जहांगीर, शाहनवाज (मृतक) और अफजाल के विरुद्ध हत्या का मुकदमा दर्ज कराया गया था. वहीं, मृतक शाहनवाज के पिता सलीम ने दोनों मृतकों सचिन व गौरव के अलावा उनके परिजनों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था.

एसआइटी ने की थी मामले की जांच
'दैनिक जागरण' की खबर के अनुसार, एसआइटी ने जांच के बाद शाहनवाज हत्याकांड में एफआर लगा दी थी और दोहरे हत्याकांड में पांच आरोपितों के खिलाफ चार्जशीट न्यायालय में दाखिल कर दी थी. इस मामले में पांच आरोपित मुजस्सिम, मुजम्मिल, फुरकान, नदीम और जहांगीर तभी से जेल में बंद हैं. अनिल जिंदल ने बताया कि मुकदमे की सुनवाई एडीजे-7 हिमांशु भटनागर के न्यायालय में हुई.

क्‍या था कवाल कांड
27 अगस्त 2013 के बाद जिले का अमन-चैन गायब हो गया था. इसके बाद पंचायतों का दौर चला और एकाएक जनपद दंगे की चपेट में आ गया. कवाल गांव के उस चौराहे पर आज सन्नाटा है. इसी चौराहे पर दोनों युवकों की पीट-पीटकर हत्या की गई थी.

Uttar Pradesh Culprits Muzaffarnagar Riot Muzaffarnagar case Kawal Case
Advertisment
Advertisment
Advertisment