उन्नाव रेप कांड की पीड़िता के सड़क दुर्घटना मामले ने तूल पकड़ लिया है. बृहस्पतिवार को सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में स्वतः संज्ञान लेने के बाद सुनवाई की. सुनवाई दो चरणों में हुई. पहली सुनवाई करीब 10 बजे हुई वहीं दूसरी सुनवाई 12 बजे के करीब हुई. दो बजे के करीब इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने कई बेहद अहम फैसले सुनाए.
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10 बजे की सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि 12 बजे तक सीबीआई इस मामले से संबंधित स्टेटस रिपोर्ट बताए. हालांकि सॉलिसिटर जनरल ने शुक्रवार को सुनवाई करने की मांग की थी. उनका तर्क था कि इस केस से जुड़े अधिकारी लखनऊ में हैं और उन्हें आने में समय लगेगा.
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इस पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि सीबीआई के डायरेक्टर जांच की स्टेटस रिपोर्ट कोर्ट के सामने पेश करें. 12 बजे सुप्रीम कोर्ट में एक बार फिर सुनवाई हुई. जिसमें चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने पीड़िता का हाल जाना और स्टेटस रिपोर्ट देखी. इस मामले का कोर्ट ने स्वतः संज्ञान तब लिया जब मीडिया में खबरें आईं कि पीड़िता ने अपनी जान का खतरा बताते हुए चीफ जस्टिस रंजन गोगोई के नाम एक पत्र लिखा था और सुरक्षा की मांग की थी.
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सुप्रीम कोर्ट में मामला जाता देख बीजेपी भी आखिरकार हरकत में आ गई. बीजेपी ने रेप के आरोपी विधायक कुलदीप सिंह सेंगर को पार्टी से बाहर निकाल दिया है. रविवार को उन्नाव रेप पीड़िता के सड़क हादसे के बाद बीजेपी लगातार विपक्षी दलों के निशाने पर थी.
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समाजवादी पार्टी, कांग्रेस और बसपा समेत कई विपक्षी दलों ने बीजेपी पर निशाना साधा था. विपक्षी दलों का कहना था कि पार्टी लगातार अपने विधायक को बचाने का प्रयास कर रही है. हालांकि इस मामले में बृहस्पतिवार को आए फैसले ज्यादा अहम हैं. आइए जानते हैं उन्नाव रेप केस से जुड़े सुप्रीम कोर्ट के फैसलों के बारे में.
सुप्रीम कोर्ट में क्या हुआ
- सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई के वरिष्ठ अधिकारियों को तलब करते हुए जांच की स्टेटस रिपोर्ट मांगी.
- उन्नाव रेप केस की सुनवाई करते हुए एक ही दिन में तीन बार बैठी सुप्रीम अदालत.
- उन्नाव रेप केस और सड़क हादसे से जुड़े सभी 5 केस दिल्ली ट्रांसफर किए जाएंगे.
- दिल्ली की निचली अदालत 45 दिनों तक उन्नाव रेप कांड की रोजाना सुनवाई करेगी. सुप्रीम कोर्ट ने 45 दिनों में सुनवाई पूरी करने को कहा है.
- सुप्रीम कोर्ट ने CBI को निर्देश दिया है कि 7 दिन में सड़क हादसे की जांच पूरी की जाए.
- सुप्रीम कोर्ट ने पीड़िता को 25 लाख का मुआवजा दिए जाने का आदेश दिया है.
- सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि पीड़ित लड़की और उसके परिवार को पर्याप्त सुरक्षा प्रदान की जाए. बताया जा रहा है कि अब उत्तर प्रदेश पुलिस की जगह CRPF पीड़ित लड़की और उसके परिजनों को सुरक्षा देगी.