भारी दवाब के बीच इटावा के सैफई में स्थित उत्तर प्रदेश यूनिवर्सिटी ऑफ मेडिकल साइंसेज (यूपीयूएमएस) प्रशासन ने अब 2018 बैच के सात एमबीबीएस छात्रों को तीन महीनों के लिए निलंबित कर दिया है. इन छात्रों पर जूनियर छात्रों की रैंगिंग लेने और उनका सिर मुंडाने कराने का आरोप है. सभी आरोपियों पर 25-25 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है.
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यूनिवर्सिटी के डीन ने कहा कि संस्थान कर्मियों के खिलाफ कार्रवाई उनकी लापरवाही के कारण की गई है, क्योंकि उन्होंने प्रशासन को इसकी सूचना नहीं दी. सूत्रों ने कहा कि इन सात आरोपियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की दर्ज की जाएगी. इसके अलावा 2018 बैच के सभी 150 छात्रों पर भी 5,000 रुपये का जुर्माना लगाया गया है. यह निर्णय शनिवार को लिया गया.
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यूनीवर्सिटी ने स्टूडेंट्स वेलफेयर के डीन को हटाने और घटना वाले दिन ड्यूटी पर रहने वाले सुरक्षाकर्मियों को बर्खास्त करने के अलावा हॉस्टल प्रबंधक को निलंबित कर दिया है. वहीं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने यूनिवर्सिटी के कुलपति राज कुमार को तत्काल बैठक के लिए समन भेजा है.
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यूपीयूएमएस ने इससे पहले घटना से इनकार किया था और यहां तक कि परंपरा और तौर-तरीकों के निर्माण का हवाला देकर रैगिंग का बचाव भी किया था. पिछले सप्ताह मंगलवार को एमबीबीएस के सीनियर छात्रों ने प्रथम वर्ष के लगभग 150 छात्रों का सिर मुंडवाया और परिसर में मार्च निकलवाया था.
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मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया (एमसीआई) ने घटना पर कुलपति को कारण बताओ नोटिस जारी कर दिया था. काउंसिल ने 24 घंटों में कार्रवाई नहीं करने पर यूनिवर्सिटी पर 1.5 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाने की धमकी दी थी. जिला अधिकारी द्वारा की गई जांच में रैगिंग की पुष्टि हो गई, जिसके बाद यूनिवर्सिटी प्रशासन ने भी घटना की बात कबूल कर ली.
Source : आईएएनएस