उन्नाव मामले को लेकर योगी आदित्यनाथ एक्शन मोड में आ गए हैं. गैंगरेप पीड़िता की मौत के बाद सरकार ने बड़ी कार्रवाई की है. यूपी पुलिस ने SHO समेत 7 पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया है. पुलिस ने बताया कि उन्नाव के थाना बिहार में अपने काम के प्रति लापरवाही बरतने के कारण सातों पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया गया है. साथ ही पुलिसकर्मियों ने अपराध कंट्रोल और अभियोगों से संबंधित घटित घटनाओं के प्रति लचर रवैया अपनाया था.
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जिस पर निलम्बन की गाज गिरी है, उनमें बिहार प्रभारी निरीक्षक अजय कुमार त्रिपाठी, प्रभारी बीट अरविंद सिंह रघुवंशी, श्रीराम तिवारी, बीट आरक्षी अब्दुल वसीम, आरक्षी पंकज यादव, आरक्षी मनोज और आरक्षी संदीप कुमार का नाम शामिल है. बता दें कि गैंगरेप पीड़िता ने शुक्रवार देर रात दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में दम तोड़ दिया था. जिसके बाद गांव के बाहर रविवार को उसका अंतिम संस्कार कर दिया गया. वहीं पीड़िता के परिजन सीएम योगी आदित्यनाथ को उन्नाव आने की मांग कर रहे थे. उनकी मांग थी कि जबतक सीएम यहां आ नहीं जाते हैं, तबतक बेटी का अंतिम संस्कार नहीं किया जाएगा.
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उन्नाव रेप पीड़िता (Unnao Rape Victim) की पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट आ चुकी है और उसकी मौत का कारण भी पता चल चुका है. Safdarjung Hospital के मेडिकल सुप्रिटेंडेंट, डॉ. सुनील गुप्ता ने बताया कि उन्नाव रेप पीड़िता की मौत अत्यधिक जलने के कारण हुई है. डॉ सुनील के मुताबिक पीड़िता की मौत जहर या सफोकेशन के कारण नहीं हुई है. बता दें कि उत्तर प्रदेश के उन्नाव में सड़क पर आरोपियों द्वारा रेप पीड़िता को जिंदा जलाई गई पीड़िता की जान चली गई. दिल्ली के अस्पताल में इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई. शनिवार को उसका पार्थिव शरीर उन्नाव लाया जा रहा है. शव उन्नाव पहुंचने से पहले कांग्रेस महासचिव प्रियंका वाड्रा गांधी ने परिजनों से मुलाकात करके उन्हें ढांढस बंधाया.
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पीड़िता के पिता ने कहा कि उनके परिवार में सिर्फ वही बेटी थी. जो अन्याय के खिलाफ लड़ती थी और न्याय के लिए लड़ती थी आवाज उठाती थी. हमारी बेटी को जिंदा जला दिया गया. अब हमें भी जला दिया जाएगा. पीड़िता के पिता ने कहा कि हम अपनी बेटी का मुंह भी नहीं देख पाए. पिता ने कहा कि हम चाहते हैं कि आरोपियों को सख्त से सख्त सजा मिले. पीड़िता की चाची ने कहा कि उनकी भतीजी बेहद हिम्मती थी. अकेले ही वह सबसे लड़ जाया करती थी. उसकी कमी कोई नहीं भर सकता. पीड़िता के चाचा का कहना है कि सुबह हम चाय पीने जा रहे थे.
तभी मौसी की लड़की का फोन आया. उसने घटना के बारे में जानकारी दी. जब हम अस्पताल पहुंचे तो पता चला कि उसे दिल्ली रेफर कर दिया है. उन्होंने कहा कि उन्हें न्याय की उम्मीद नहीं है. क्योंकि अगर उन्हें न्याय मिलता तो फिर यह घटना न होती. मर्ज और मरीज को खत्म कर दिया गया है. रास्ते में जाते हुए हमें भी मारा जा सकता है. पीड़िता के चाचा ने बताया कि दो बार प्रधान जी के बेटे ने हमला किया है. उन्होंने घसीटकर मारा. बेटी बहादुर थी, वह कहती थी कि इनसे निपट लिया जाया जाएगा. इन्हें जेल भिजवा दिया जाएगा.
Source : न्यूज स्टेट ब्यूरो