श्रीकृष्ण जन्मस्थान के मालिकाना हक को लेकर श्रीकृष्ण विराजमान समेत आठ याचिकाकर्ताओं ने जिला जल मथुरा की कोर्ट में अपील दायर किया है. कोर्ट में दायर अपील में कहा गया है कि संविधान के अनुच्छेद 25 के तहत मिले धार्मिक स्वतंत्रता के अधिकार के तहत , श्रीकृष्ण के भक्त होने के नाते उन्हें उनके असल जन्मस्थान पर पूजा / दर्शन का अधिकार हासिल है.
अपील में यह भी कहा गया है कि भक्तों का ये अधिकार और ड्यूटी बनती है कि वो देवता की खोई सम्पत्ति को वापस लाने, मन्दिर और देवता की सम्पति को उचित प्रबंधन के लिए हर सम्भव कोशिश करें.
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इसके अलावा कहा गया है कि श्रीकृष्ण जन्मस्थान सेवा संघ का देवता की सम्पति पर कोई अधिकार नहीं है. लिहाज़ा उनका ईदगाह मस्जिद ट्रस्ट से किया गया समझौता क़ानूनी तौर पर अवैध है.
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अपील में आगे कहा गया है कि सिविल कोर्ट ने इस आधार पर याचिका को खारिज कर दिया कि ऐसी सूरत में भगवान श्रीकृष्ण के अगर हर भक्त याचिका दायर करने लगेंगे तो न्याय व्यवस्था चरमरा जाएगी, अपने आप में ये याचिका खारिज करने का ये कोई आधार नहीं है.
16 अक्टूबर को अगली सुनवाई
वहीं, जिला जज मथुरा की कोर्ट ने सिविल कोर्ट से मामले से जुडी फ़ाइल तलब की. 16 अक्टूबर को अगली सुनवाई. श्रीकृष्ण विराजमान समेत आठ याचिकाकर्ताओं ने सिविल जज के आदेश को चुनौती दी है. सिविल कोर्ट के जज ने भगवान की तरफ से एक वकील के याचिका दाखिल करने को मंजूरी न देते हुए सुनवाई से इंकार कर दिया था.
Source : News Nation Bureau