शाहजहांपुर की एक लड़की ने स्वामी चिन्मयानंद पर दुष्कर्म का आरोप लगाया है. उन्होंने यह आरोप लगाया कि स्वामी ने मुझे अपहरण कर मेरे साथ दुष्कर्म किया और एक साल तक शारीरिक शोषण किया. पीड़िता ने यह जानकारी प्रेस कॉन्फ्रेंस कर दी. पीड़िता मुंह ढककर मीडिया के सामने आई और अपनी आपबीती सुनाई. उन्होंने शाहजहांपुर पुलिस पर भी आरोप लगाया कि पुलिस चिन्मयानंद के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज नहीं कर रही है. पुलिस अपराध के खिलाफ साथ खड़ी नहीं हो रही है.
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पीड़िता ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान आरोप लगाया कि चिन्मयानंद ने उसके साथ दुष्कर्म किया. साथ ही एक साल तक शारीरिक शोषण भी किया. शाहजहांपुर पुलिस ने रेप केस दर्ज नहीं किया. उन्होंने कहा कि मैं जब दिल्ली में थी, तब दिल्ली पुलिस ने केस दर्ज कर उसे शाहजहांपुर पुलिस को फॉरवर्ड किया था, मगर यहां की पुलिस अब भी कोई कार्रवाई नहीं कर रही है. उसने आगे बताया कि रविवार को एसआईटी ने मुझसे करीब 11 घंटे तक पूछताछ की. मैंने उन्हें रेप के बारे में बताया. उन्हें बताने के बाद भी अब तक चिन्मयानंद को गिरफ्तार नहीं किया गया है. पीड़िता ने पुलिस से चिन्मयानंद को गिरफ्तार करने की गुहार लगाई है.
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उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर में पूर्व केंद्रीय गृह राज्य मंत्री और बीजेपी नेता स्वामी चिन्मयानंद पर यौन उत्पीड़न के आरोप लगाने वाली पीड़िता एलएलएम की छात्रा है. इससे पहले दिल्ली पुलिस की कड़ी सुरक्षा के बीच पीड़ित छात्रा शाहजहांपुर स्थित घर में पहुंची, जहां दिल्ली पुलिस ने उसकी सुरक्षा का जिम्मा यूपी पुलिस को सौंपा. बता दें कि बीते दिनों सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली पुलिस को छात्रा और उसके परिवार की सुरक्षा के निर्देश दिए थे. सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि लड़की और उसके माता-पिता शाहजहांपुर जा सकते हैं. यात्रा के दौरान दिल्ली पुलिस सुरक्षा मुहैया कराएगी.
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उधर, स्वामी चिन्मयानंद पर लगे उत्पीड़न के आरोपों की जांच के लिए सर्वोच्च न्यायालय के निर्देश पर गठित एसआईटी (विशेष जांच प्रकोष्ठ) ने जांच शुरू कर दी है. शनिवार को एसआईटी उन सभी स्थानों पर पहुंची, जिनका जिक्र एफआईआर में किया गया है. इस जांच टीम में 47वीं वाहनी पीएसी (गाजियाबाद) की कमांडेंट/पुलिस अधीक्षक भारती सिंह सहित उत्तर प्रदेश पुलिस के सर्विलांस विशेषज्ञ पुलिस अधीक्षक एस. आनंद, एडिशनल एसपी अतुल श्रीवास्तव, डिप्टी एसपी श्वेता श्रीवास्तव और कुछ फॉरेंसिक साइंस एक्सपर्ट्स सहित करीब 15 पुलिस अधिकारी और विशेषज्ञ शामिल हैं.