उत्तर प्रदेश में अभी तक एक भी बच्चा चोरी नहीं हुआ है. लेकिन इससे जुड़ी अफवाहों के कारण भीड़ हत्या और बेगुनाहों की पिटाई की कई घटनाएं सामने आ चुकी हैं. ये अफवाहें पुलिस के लिए चुनौती बनी हुई हैं. प्रदेश में इस माह बच्चा चोरी की अफवाह फैलाए जाने से हिंसा की कुल 46 घटनाएं हुईं. इन घटनाओं में कुल 29 लोग घायल हुए, जबकि 14 मामलों में पुलिस ने मौके पर पहुंचकर हालात पर नियंत्रण कर लिया. ताजा मामला मुरादाबाद जिले के मझोला इलाके से सामने आया है, जहां बच्चा चोरी के संदेह में एक व्यक्ति को बेरहमी से पीटा गया है.
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इस मामले में पुलिस ने 4 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है, जबकि अन्य आरोपी की तलाश की जा रही है. फिलहाल पुलिस आगे की कार्रवाई में लगी हुई है. साथ ही मुरादाबाद के पुलिस उपाधीक्षक राजेश कुमार ने स्थानी लोगों से अपील की है कि अगर वे इस तरह की (बच्चा चोरी) अफवाहें सुनते हैं तो वे तुरंत पुलिस से संपर्क करें.
इससे पहले शुक्रवार को संभल से मॉब लिंचिंग की घटना सामने आई है. सोमवार को जौनपुर जिले में भी एक विक्षिप्त महिला को लोगों ने पीटकर निर्वस्त्र कर दिया था. अंबेडकरनगर, श्रवस्ती, बरेली, बदायूं, बहराइच, रायबरेली, बरेली, मथुरा, बुलंदशहर, आजमगढ़, रामपुर, सहारनपुर, आगरा जैसे जिलों में बच्चा चोरी की कई घटनाएं सामने आ चुकी हैं, लेकिन इनमें एक भी बच्चा चोरी नहीं हुआ है. सब अफवाह साबित हुए हैं. हालांकि इस दिशा में पुलिस ने अब सख्त कार्रवाई शुरू कर दी है. आगरा जिले में मारपीट की आठ घटनाओं में 250 के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई, 14 को जेल भेजा गया. इटावा में अफवाह फैलने के 11 मामले सामने आए.
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गौरतलब है कि बीते 24 घंटे में बच्चा चोरी के संदेह में हमले की घटनाओं में चार और मुकदमे दर्ज कराए गए हैं. पुलिस ने अब तक 36 मुकदमे दर्ज कर 106 आरोपितों की गिरफ्तारी की है. भीड़ हिंसा के लिए उकसाने वालों के खिलाफ राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (रासुका) के तहत कार्रवाई की जाएगी. सोशल मीडिया के जरिए ऐसे लोगों पर नजर रखने व अफवाहों से बचने की अपील भी कराई जा रही है.
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