उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के घनी आबादी वाले नाका हिंडोला इलाके में शुक्रवार को हिन्दू समाज पार्टी के नेता कमलेश तिवारी की दिनदहाड़े हत्या कर दी गई. इस मामले में एटीएस ने 7 लोगों को पूछताछ के लिए हिरासत में ले लिया है. वहीं खबर थी कि इस मामले में पुलिस ने बिजनौर के नगीना थाना क्षेत्र से आरोपी मौलाना अनवारुल हक को गिरफ्तार कर लिया है. मगर बरेली जोन एडीजी अविनाश चंद्र ने इस खबर को गलत बताया है. उन्होंने कहा कि मौलाना अनवारुल हक को गिरफ्तार नहीं किया गया है, जांच अभी भी चल रही है.
यह भी पढ़ेंः कमलेश तिवारी की पत्नी बोलीं- नहीं मानी हमारी यह मांगें तो कर लूंगी आत्मदाह
कमलेश तिवारी की पत्नी किरन की तहरीर पर इस मामले में मुफ्ती नईम काजमी और अनवारुल हक तथा एक अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है. किरन ने आरोप लगाया था कि काजमी और हक ने 2016 में कमलेश का सिर कलम करने पर क्रमश 51 लाख और डेढ़ करोड़ रुपये का इनाम घोषित किया था. इन्हीं लोगों ने साजिश कर उनके पति की हत्या कराई है.
गौरतलब है कि कमलेश ने पूर्व में हजरत मोहम्मद साहब के प्रति अपमानजनक टिप्पणी की थी. इस मामले में उन्हें गिरफ्तार भी किया गया था. इस पर काफी विवाद हुआ और पूरे देश में इसको लेकर मुस्लिमों ने प्रदर्शन किया था. उन्होंने सोशल मीडिया पर भड़काऊ टिप्पणियां भी पोस्ट की थीं. तिवारी की टिप्पणी के बाद सहारनपुर और देवबंद विशेष रूप से उबाल पर थे, जिसके बाद सड़कों पर विरोध प्रदर्शन देखने को मिला था.
यह भी पढ़ेंः कमलेश तिवारी हत्याकांड का सूरत से कनेक्शन, सामने आई इस तस्वीर से हुआ खुलासा
पुलिस सूत्रों ने दावा किया है कि पैगंबर मोहम्मद के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी करने के बाद तिवारी संभवत: आईएसआईएस की हिट लिस्ट में शामिल रहे होंगे. सूत्रों के अनुसार, गुजरात पुलिस के द्वारा 2017 में गिरफ्तार हुए दो संदिग्ध ओबेद मिर्जा और कासिम ने पूछताछ के दौरान खुलासा किया था कि तिवारी उनकी हिट लिस्ट में थे. उधर, अल हिन्द नाम का एक अनाम संगठन कमलेश तिवारी की हत्या में कथित तौर पर अपना हाथ क्लेम कर रहा है.
Source : डालचंद