Lakhimpur Kheri violence : लखीमपुर खीरी हिंसा मामले में गुरुवार को बीजेपी नेता और केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा टेनी के बेटे आशीष मिश्रा को इलाहाबाद हाई कोर्ट ने जमानत दे दी है. उन्हें 9 अक्टूबर, 2021 को गिरफ्तार किया गया था. हालांकि आशीष मिश्रा अभी जेल से बाहर नहीं आ सकते हैं. 18 जनवरी को लखनऊ बेंच ने सुनवाई के बाद अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था. आशीष मिश्रा पर लखीमपुर खीरी जिले के तिकोनिया गांव में पिछले साल तीन अक्टूबर को प्रदर्शनकारी किसानों को जीप से कुचलकर मारने का आरोप है.
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आशीष मिश्रा को जेल में ही क्यों रहना होगा?
लखीमपुर पुलिस द्वारा दायर चार्जशीट में आशीष मिश्रा पर भारतीय दंड संहिता की धारा 147, 148, 149, 302, 307, 326, 34, 427 और 120B के तहत आरोप लगाया गया है. इसके अतिरिक्त, उस पर आर्म्स एक्ट की संबंधित धाराओं के तहत आरोप लगाए गए हैं. हालांकि, हाईकोर्ट द्वारा जारी जमानत आदेश में धारा 302 और 120बी का कोई जिक्र नहीं है. धारा 302 हत्या से संबंधित है, धारा 120 बी आपराधिक साजिश से संबंधित है. चूंकि इन दोनों धाराओं को जमानत आदेश से हटा दिया गया है, इसलिए आशीष मिश्रा को रिहा नहीं किया जा सकता है.
आगे क्या होगा ?
आशीष मिश्रा के वकील शेष दो धाराओं को जमानत आदेश में जोड़ने के लिए उच्च न्यायालय में अपील करेंगे.
क्या है लखीमपुर खीरी कांड ?
उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में तीन अक्टूबर को हुई हिंसा में चार किसानों समेत आठ लोगों की मौत हो गई थी. यह घटना उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के लखीमपुर दौरे से पहले किसानों के विरोध प्रदर्शन के दौरान हुई थी. आरोप है कि आशीष मिश्रा के साथ एक कार विरोध कर रहे किसानों को कुचलकर निकल गई, जिसमें चार की मौत हो गई. इसके बाद हुई हिंसा में चार और लोगों की मौत हो गई.
HIGHLIGHTS
- 10 फरवरी को आशीष मिश्रा टेनी को हाईकोर्ट ने दी थी जमानत
- बीजेपी नेता और केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा टेनी के बेटे हैं आशीष मिश्रा
- आशीष मिश्रा पर पिछले साल प्रदर्शनकारी किसानों को जीप से कुचलकर मारने का आरोप