कोर्ट के आदेश की अवमानना पर अपर मुख्य सचिव सचिवालय प्रशासन विभाग महेश कुमार गुप्ता को पूरे दिन हिरासत में रहना पड़ा. हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने उन्हें सुबह से शाम तक यानी कोर्ट के उठने तक हिरासत में रहने की सजा सुनाई. साथ ही कोर्ट ने उन पर 25 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है. न्यायमूर्ति विवेक चौधरी की पीठ ने डॉ. किशोर टंडन व आठ अन्य की ओर से दाखिल अवमानना याचिका पर यह आदेश दिया. न्यायालय के 25 मार्च के आदेश के अनुपालन में मंगलवार सुबह महेश कुमार गुप्ता कोर्ट के समक्ष उपस्थित हुए थे.
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मामला सुनवाई के लिए आया तो उनकी ओर से जूनियर अधिवक्ता ने कुछ देर बाद सुनवाई का अनुरोध किया. इसे कोर्ट ने स्वीकार कर लिया, लेकिन महेश गुप्ता को हिरासत में लेने का आदेश दे दिया. कोर्ट ने कहा कि बिना अनुमति के वह कोर्ट के बाहर नहीं जा सकेंगे. इस दौरान दो सब-इंस्पेक्टर व कांस्टेबल बुलाए गए, जो कोर्ट रूम के दोनों दरवाजों पर मुस्तैद हो गए. महेश गुप्ता कोर्ट रूम में पीछे की तरफ बनी वादकारियों की कुर्सी पर बैठ गए. एक बार न्यायमूर्ति ने देखा कि गुप्ता कोर्ट में नहीं हैं तो उन्होंने पुलिसकर्मियों को बुलाया, हालांकि तभी गुप्ता वापस आ गए.
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हाई कोर्ट ने सहायक समीक्षा अधिकारियों के संबंध में जारी 8 सितंबर 2015 की वरिष्ठता सूची को खारिज करते हुए छह माह में नई सूची बनाने का आदेश दिया था. इसके बावजूद खारिज की जा चुकी सूची के तीन अधिकारियों को प्रोन्नति दे दी गई. शपथ पत्र में अदालत द्वारा खारिज वरिष्ठता सूची के अधिकारियों को दी गई प्रोन्नति वापस लेने की बात कही गई है. साथ ही कहा, याचियों के मामले पर विचार हो रहा है. इस पर कोर्ट ने कहा, वह अनुपालन के संबंध में अग्रिम तिथि पर सुनवाई करेगी.
Source : News Nation Bureau