23 साल बाद कोर्ट ने सुनाया फैसला-मिलावटी दूध बेचने वाले को दी उम्रकैद की सजा

23 साल बाद इस मामले में आरोपी ग्वाला राम सजन को अपर सत्र न्यायाधीश रेखा सिंह ने भादवि की धारा 272, 273 में फैसला करते हुए उम्रकैद के साथ 20 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है.

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Pradeep Singh
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अदालत, प्रतीकात्मक तस्वीर( Photo Credit : news nation)

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उत्तर प्रदेश के महाराजगंज जिले में मिलावटी दूध बेचने वाले एक ग्वाले को 23 साल बाद कोर्ट ने अपना फैसला सुनाया है. कोर्ट ने आरोपी ग्वाले को आजीवन कारावास और 20 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है. यह फैसला अपर सत्र न्यायाधीश रेखा सिंह की अदालत ने दिया है.उधर, कोर्ट का फैसला आने के बाद इलाके में चर्चाओं का दौर जारी है. इस मामले में सहायक शासकीय अधिवक्ता सर्वेश्वर मणि त्रिपाठी एवं चंद्र प्रकाश पटेल ने पत्रावली का अवलोकन कर चार गवाहों को पेश कर बहस किया और कड़ी सजा की मांग कोर्ट से की.

अपर सत्र न्यायाधीश ने23 साल पुराने मिलावटी दूध मामले में चौक थाना क्षेत्र के खजुरिया निवासी ग्वाला रामसजन को उम्र कैद की सजा सुनाई है. आपको बता दें कि मई 1999 में फरेंदा रोड ऑफीसर्स कॉलोनी के पास खाद्य निरीक्षक एमएल गुप्ता को मिलावटी दूध बेचे जाने की शिकायत मिली थी. जिसके बाद खाद्य निरीक्षक ने आरोपी के दूध का सैंपल जांच के लिए भेजा था. जांच में दूध में यूरिया मिश्रित करने का मामला आने के बाद खाद्य निरीक्षक ने चौक थाना क्षेत्र के खजुरिया निवासी रामसजन के विरुद्ध मुकदमा दर्ज कराया था. पुलिस ने इस मामले में आरोप पत्र न्यायालय में भेजा था.

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23 साल बाद इस मामले में आरोपी ग्वाला राम सजन को अपर सत्र न्यायाधीश रेखा सिंह ने भादवि की धारा 272, 273 में फैसला करते हुए उम्रकैद के साथ 20 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है. इससे पहले शाहजहांपुर में साल 1997 में जहरीले आटे से बनी रोटी खाने से 14 लोगों की मौत हो गई थी. इस मामले में कोर्ट ने 2 लोगों को उम्रकैद की सजा सुनाई. इन पर 60-60 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया गया. अदालत का यह फैसला 25 साल बाद आया था.

After 23 years seller of adulterated milk the court gave the verdict sentenced to life imprisonment
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