श्रीकृष्ण जन्मभूमि के पास बनी शाही मस्जिद हटाने के लिए कोर्ट में आज सुनवाई होगी. मिली जानकारी के अनुसार, श्रीकृष्ण विराजमान और 7 अन्य की ओर से सिविल जज सीनियर डिवीजन छाया शर्मा की कोर्ट में याचिका दायर की गई है. इसमें कहा गया है कि उन्हें श्रीकृष्ण जन्मस्थान की 13.37 एकड़ जमीन का मालिकाना हक दिया जाए और शाही ईदगाह मस्जिद को हटाया जाए. साथ ही मस्जिद समिति और श्रीकृष्ण जन्मस्थान सेवा संस्थान के बीच हुए समझौते को अवैध बताया गया है.
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दरअसल, यह समझौता 1968 में श्रीकृष्ण जन्मस्थान सेवा संस्थान और शाही ईदगाह मस्जिद के बीच हुआ था. समझौते के अनुसार, मस्जिद जितनी जमीन में बनी है, बनी रहेगी. अब दलील दी गई है कि जिस जमीन पर मस्जिद स्थित है, वह श्रीकृष्ण जन्मभूमि ट्रस्ट के नाम पर है. ऐसे में वह समझौता गलत है. इसलिए उसे निरस्त किया जाए और मंदिर परिसर में स्थित ईदगाह को हटाकर वह भूमि मंदिर ट्रस्ट को सौंप दी जाए.
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साल 1618 में राजा वीर सिंह ने इस स्थान पर कटरा केशव देव मंदिर 33 लाख रुपये में बनवाया था. साल 1670 में औरंगजेब ने मंदिर को क्षतिग्रस्त किया और मस्जिद का निर्माण किया. पांच अप्रैल, 1770 को गोवर्धन में मराठा और मुगल के बीच जंग हुई और मराठा जीत गए. मराठा ने दोबारा कटरा केशव देव मंदिर का जीर्णोद्धार किया और मस्जिद को हटा दिया. 1803 में अंग्रेजों ने अपने कब्जे में पूरा इलाका लिया. 1815 में इस 13.37 एकड़ जमीन को वाराणसी के राजा पटनीमल ने नीलामी में खरीद लिया. 21 फरवरी, 1951 को श्रीकृष्ण जन्मभूमि ट्रस्ट बन गया. राजा पटनीमल के परिवार ने यह जमीन ट्रस्ट को दे दी.
Source : News Nation Bureau