आगरा के बाह और पिनाहट क्षेत्र में चंबल का पानी उतर रहा है. तो बाढ़ से प्रभावित गांवों में तबाही के निशान साफ नजर आ रहे हैं. खेत-खलिहान उजड़ गए हैं. बाढ़ में डूबे कच्चे मकान ढूंढे से नहीं मिल रहे. कई परिवारों से छत छिन गई है. वहीं पानी कम होते ही गांव में कीचड़ और गंदगी का अंबार लग गया है, जो कई बीमारियों को जन्म दे रहा है. आलम ये है कि स्थानीय लोग प्रशासन की व्यवस्था से नाराज हैं. वहीं शहर के सरकारी अस्पतालों में देहात बाढ़ क्षेत्र से आने वाले के मरीजों की संख्या दो गुनी हो गयी है.
बाढ़ प्रभावित इलाकों में हर तरफ नर्क
बाढ़ प्रभावित इलाकों में रास्ते कीचड़ व दलदल में बदल गए हैं. गुढ़ा, रानीपुरा, भटपुरा, मऊ की मढै़या, झरनापुरा, रेहा, डगोरा, कछियारा के रास्ते पर पानी और गोहरा, भगवानपुरा गांवों में रास्तों पर कीचड़ भरा है. पांचवें दिन भी इन गांवों का मुख्यालय से संपर्क टूटा रहा. बाढ़ में घर खेत डूबने पर 20 गांवों के पांच हजार से अधिक लोग अभी बीहड़ के टीलों पर शरण लिए हुए हैं. जो गांव में हैं वो तरह-तरह की बीमारियों के शिकार हो रहे हैं. हालात ये हैं कि लोगों को चम्बल की बाढ़ से राहत तो मिल गयी. मगर उसके बाद कोई अपने मकान को लेकर परेशान है तो कोई अनाज को लेकर तो कोई बीमारी को लेकर.
मदद पहुंचाने में जुटा प्रशासन
इस पूरे मामले में जब हमने प्रशासनिक अधिकारियों से बात की तो उनका कहना था कि धीरे धीरे सभी बाढ़ पीड़ित क्षेत्रों में सहायता पहुंचाई जा रही है. साथ ही गांव से कीचड़ और गंदगी हटाने के प्रयास भी किये जा रहे हैं. हां ये बात सच है कि बाढ़ के बाद गंदगी से बीमारी जरूर फैलती हैं उनको देखते हुए भी स्वास्थ टीम गांव गांव भेजी जा रही है.
हर दिन पहुंच रहे 2500 से ज्यादा मरीज
आइये, अब आपको आगरा के जिला अस्पताल ले चलते हैं जहां एक दिन में लगभग 2500 से ज्यादा मरीज इलाज के लिए पहुंच रहा है. इसमें आधी संख्या ग्रामीण क्षेत्रों से आने वाले मरीजों की है, जो बाढ़ के पानी उतरने के बाद कीचड़ ब गंदगी से बीमारी के शिकार हुए. अब ऐसे में आगरा प्रशासन ने स्पष्ठ कर दिया है कि अब जांच पड़ताल के बाद ही पीड़ित ग्रामीणों को मदद दी जाएगी. शीघ्र ही रास्ते साफ होने के साथ ही घर खेतों में हुए नुकसान का सर्वे कराया जाएगा.
HIGHLIGHTS
- आगरा के कुछ इलाकों में बाढ़ के बाद आफत
- पानी कम होने के बाद फैल रही बीमारियां
- जिला अस्पताल में कई गुना बढ़ी मरीजों की संख्या
Source : Vinit Dubey