हाल ही में उत्तर प्रदेश के बागपत से एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है, जिसने प्रशासन की नींद उड़ा दी. बागपत के जिलाधिकारी (डीएम) जितेंद्र प्रताप सिंह को एक कार्यक्रम के दौरान 'Bisleri' की बोतल पेश की गई. जब उन्होंने ध्यान से देखा, तो पाया कि बोतल पर 'Bisleri' नहीं, बल्कि 'Bilseri' लिखा था. इस नकली ब्रांड का नाम पढ़ते ही डीएम चौंक उठे और तुरंत कार्रवाई का आदेश दिया.
प्रशासन की सख्त कार्रवाई
इस घटना ने प्रशासन को सकते में डाल दिया. डीएम जितेंद्र प्रताप सिंह के निर्देश पर खाद्य सुरक्षा विभाग ने बागपत में नकली पेयजल और खाद्य उत्पाद बेचने वाले व्यापारियों के खिलाफ अभियान चलाया. इस अभियान के दौरान एक बड़े गोदाम पर छापा मारा गया, जहां 2600 से अधिक नकली पानी की बोतलें बरामद की गईं.
बोतलों को बुलडोजर से नष्ट करवाया
इन नकली बोतलों को बुलडोजर से नष्ट करवाया गया और गोदाम को सील कर दिया गया. यह प्रभावी कार्रवाई न केवल बागपत में बल्कि पूरे जिले में मिलावटखोरों के बीच खलबली मचा गई. प्रशासन की इस सख्ती से स्थानीय जनता ने राहत की सांस ली, क्योंकि नकली उत्पादों का सेवन स्वास्थ्य के लिए बेहद खतरनाक हो सकता है.
जिलाधिकारी का संदेश
जिलाधिकारी जितेंद्र प्रताप सिंह ने साफ किया कि जिले में किसी भी प्रकार की मिलावट सहन नहीं की जाएगी. उन्होंने कहा, "हम लोगों को शुद्ध पेयजल एवं खाद्य पदार्थ उपलब्ध कराने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध हैं." उनकी इस प्रतिबद्धता ने जनता में विश्वास बढ़ाया है और यह संदेश दिया है कि प्रशासन उनके स्वास्थ्य और सुरक्षा के प्रति गंभीर है.
नकली बोतलबंद पानी की पहचान
बोतलबंद पानी में फर्जीवाड़ा पहचानना मुश्किल नहीं है. उपभोक्ता बोतलों पर छपे ISI मार्क कोड के माध्यम से असली और नकली पानी की पहचान कर सकते हैं. अगर आप 20 रुपये की बोतल खरीद रहे हैं, तो उस पर छपे कोड की जांच करके यह सुनिश्चित कर सकते हैं कि पानी असली है या नकली.