रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद से लगातार रामनगरी को नई सौगात मिल रही है. इस कड़ी में राम भक्तों और पर्यटकों के लिए नगर निगम स्मार्ट सिटी योजना के अंतर्गत तीन करोड़ रुपये की लागत से राम सीता भूल भुलैया का निर्माण करवा रहा है. इस बार दीपोत्सव के दौरान राम भक्त और पर्यटक दर्पण की रहस्यमयी दुनिया में खो जाने के लिए तैयार रहें. यहां शीशे का एक ऐसा रोमांचित करने वाला क्षेत्र विकसित किया जा रहा है, जिसमें एक बार प्रवेश करने के बाद बाहर निकलने के लिए आपको अपनी बुद्धि और विवेक का जमकर उपयोग करना होगा. अन्यथा दिशाओं और रास्तों को भूल कर उसी में चक्कर लगाते रहेंगे.
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भ्रम से भरे दर्पण के गलियारों से निकलने में यदि आप हताश हो जाएंगे, तो माता सीता की खोज को लेकर भगवान राम के संघर्षों पर आधारित चलचित्र चुनौती को पार करने में आपका मनोबल बढ़ाएंगे. आश्चर्य से भरा मनोरंजन का यह संसार एक शीशे की भूल भुलैया होगी.
परिसर में भूल भुलैया को आकार दिया जा रहा
रामपथ पर अमानीगंज में जलकल कार्यालय परिसर में भूल भुलैया को आकार दिया जा रहा है, जो करीब-करीब पूरी होने को है. इसमें करीब 80 दर्पण लगाए जा रहे हैं. इसमें नौ कक्ष होंगे, जिन्हें पार करके लोगों को बाहर निकलना होगा. मगर इन्हें पार करना इतना आसान नहीं होगा. यह भूल भुलैया की भांति होगी. इसमें लोगों की मदद के लिए एक सहायक भी होगा. इमरजेंसी गेट भी इसमें बनाया गया हैं. अंदर पांच स्क्रीन लगाई जाएंगी. इसमें सीता की खोज पर आधारित प्रसंगों का बीच बीच में प्रसारण किया जाएगा.
तीन करोड़ रुपये लागत से भूल भुलैया बन रही
राज्य स्मार्ट सिटी योजना के अंतर्गत तीन करोड़ रुपये लागत से भूल भुलैया बन रही है. भ्रम,आश्चर्य एवं रोमांच से भरे दर्पणों के परिसर को पार कर निकास द्वार पहुंचेंगे वहां एक सेल्फी प्वाइंट भी होगा. यहां भूल भुलैया पार करने के अपने उत्साहजनक हावभाव को कैमरे में कैद सकेंगे. नगर आयुक्त संतोष शर्मा ने बताया कि सीता खोज रोचक घटना को इस मिरर मेज के माध्यम से जीवंत किया गया है. इसी माह यह बन कर तैयार हो जाएगा.