Tiger Attack: भेड़िये के बाद अब बाघ की एंट्री, UP के इस इलाके पर दशहत का माहौल, छात्रों ने स्कूल जाना किया बंद

Tiger Attack: यूपी के सीतापुर के महोली तहसील के रहने वाले लोग इन दिनों दहशत के साए में जी रहे हैं. यहां पर कढ़िना नदी के तराई इलाकों के पास अपना अवास बना लिया है.

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Mohit Saxena
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tiger in village

tiger (Social media)

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Tiger Attack:  यूपी के बहराइच में इन दिनों भेड़ियों का आतंक देखा जा रहा है. यहां पर भेड़ियों ने कई लोगों को अपना निवाला बना लिया है. अब यूपी के सीतापुर की महोली तहसील के रहनेवाले लोग इन दिनों दहशत के साए में जीने को मजबूर हैं. यह दहशत किसी और की नहीं बल्कि बाघ की है जो कढ़िना नदी के तराई इलाके में अपना आशियाना बना चुका है. बताते हैं की बाघ अपने परिवार के साथ कढ़ीना नदी के किनारे जंगल में परिवार के साथ रह रहा है. बाघ पिछले तीन सालों से परिवार के साथ कढ़ीना नदी के किनारे जंगल में अपना आशियाना बनाए हुए है. लेकिन इधर पीछे एक माह से बाघ ने जंगल से निकल कर गांव की तरफ रुख कर दिया है.

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दो पिंजरा लगाए जाने की बात कह रहे

बाघ और उसके परिवार की दहशत का आलम यह है की रात के अंधेरे की बात तो दूर की रही लोग दिन के उजाले में भी निकलने से भी गुरेज कर रहे है. ग्रामीण बहुत जरूरी काम होने पर ही घरों से निकल रहे हैं. अगर ग्रामीण निकल भी रहे है तो वह समूह के साथ हाथों में लाठी डंडे लेकर शोर मचाते हुए निकलते हैं. छात्र छात्राओं ने स्कूल जाना  बंद कर दिया है. वहीं वन विभाग के अधिकारी शेर सहित उसके परिवार को जल्द पकड़े जाने को लेकर दो पिंजरा लगाए जाने की बात कह रहे है साथ ही दुधवा सहित पीलीभीत टाइगर रिजर्व से विशेषज्ञों की टीम को भी बुलाने का दावा कर रहे हैं. 

10 से 15 मवेशियों को अपना निवाला बनाया

बाघ तथा उसके परिवार की दहशत की बात करे तो इसकी गूंज सांसद तक सुनाई दी जिसमें धौरहरा सांसद आनंद भदौरिया ने लोगों की सुरक्षा को लेकर बाघ को जल्द पकड़े जाने की मांग उठाई. वहीं इसे लेकर अब राजनीति भी शुरू हो गई है, जिसे लेकर  भाजपा से महोली विधायक शशांक त्रिवेदी ने कहा कि ये राजनीति करने का समय नहीं है. साफ कहना है हमारे वन जीवों को सुरक्षित रहने दे. हम लोगों को भी सुरक्षित रहना है. दोनों को सुरक्षित रहना है. देखा जाए तो अब तक बाघ करीब 10 से 15 मवेशियों को अपना निवाला बना चुका है.

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लोगों को सर्तक रहने के लिए कह रहे 

बाघ की दहशत देखी जाय तो ब्रह्मावली, नरनी, कटीघरा, रुस्तम नगर, फतेहपुर, कारीपाकर,चंद्रा सहित महुआ कोला में ज्यादा है. यहां के वाशिंदे रातभर जाग कर अपने परिवार वालों सहित जानवरों की रखवाली कर रहे हैं. वहीं वन विभाग के अधिकारी भी लगातार कांबिग करके लोगों को सर्तक रहने के लिए कह रहे हैं. हालांकि ग्रामीण वन विभाग पर लापरवाही का आरोप लगा रहे हैं. उनका कहना है की जब उन्हें बाघ के बारे में जानकारी होती है तो उसकी सूचना वन विभाग के अधिकारियों को देने के लिए फोन मिलाया जाता है तो उनका फोन ही नहीं उठता है. अगर उठ भी जाता है तो वन विभाग के शिकारी इतनी देर से आते हैं. तब तक बाग चला जाता है. ग्रामीणों का कहना है की दिन हो या फिर रात उनका दहशत के साए में बीत रहा है.

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