मुरादाबाद में पत्रकारों के साथ हुई मारपीट मामले में उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी (SP) अध्यक्ष अखिलेश यादव ( Akhilesh Yadav) के खिलाफ एफआईआर (FIR) दर्ज कर ली गई है. अखिलेश यादव के खिलाफ आईपीसी (IPC) की धारा 147, 342 और 323 के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है. सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव के साथ ही 20 अन्य सपा नेताओं (SP Leaders) के खिलाफ भी शिकायत दर्ज किया गया है. वहीं इससे पहले अखिलेश यादव ने आरोप लगाते हुए कहा था कि मुरादाबाद में उनके ऊपर हमले की तैयारी थी. ये सरकार और पत्रकारों की तरफ से साजिश जानबूझकर रची गई थी. उन्होंने बंगाल में ममता बनर्जी पर हुए हमले की तुलना करते हुए खुद के लिफ्ट में फंसे रहने का मुद्दा उठाया था.
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वहीं शुक्रवार को इस मामले में सपा मुखिया अखिलेश यादव ने मीडिया से बातचीत में कहा कि, "मुरादाबाद में हमारी सिक्योरिटी पर हमला हुआ और हमारे ऊपर हमला हुआ. हमारी लिफ्ट की लाइट बंद कर दी गई. हम पांच मिनट तक लिफ्ट में फंसे रहे. मुरादाबाद में जो पत्रकार उल्टा हमले का आरोप लगा रहे हैं, वो बीजेपी सरकार के इशारे पर हमलावर हुए. इस बात की जांच होनी चाहिए कि लिफ्ट की लाइट क्यों बंद हुई.
उन्होंने कहा कि लोकतंत्र में दुनिया में सबसे ज्यादा गिरावट भारत में आई है. यहां जो भी सरकार के खिलाफ बोलता है, उसे जेल भेज दिया जाता है. पश्चिम बंगाल में भी मुख्यमंत्री पर हमला हुआ. देश की सारी संस्थाएं उनके पीछे पड़ी हैं. चुनाव हराने के लिए हर हथकंडा अपना रही हैं, लेकिन जनता साथ है. बंगाल में फिर ममता बनर्जी की सरकार बनेगी.
गौरतलब है कि गुरुवार को सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव आगामी विधानसभा चुनाव और पंचायत चुनाव के लिए कार्यकर्ताओं से मिलने मुरादाबाद पहुंचे थे. यहां उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित की, जिसमें वो कुछ पत्रकारों के सवालों से नाराज हो गए और वहां से जाने लगें. इस दौरान कुछ पत्रकार उनसे अलग से बातचीत करना चाहते थे. आरोप है कि अखिलेश यादव के सुरक्षाकर्मियों ने उन्हें रोकने की कोशिश की और बाद में बात कहासुनी पर आ गई. वहीं पत्रकारों से साथ धक्का-मुक्की भी की गई. खबरों से मिली जानकारी के मुताबिक इस घटना में कुछ पत्रकार घायल भी हुए.