उत्तर प्रदेश में पिछले कुछ दिनों से भेड़िए और सियार का आतंक मचा हुआ है. बहराइच में भेड़िए ने अब तक 20 से ज्यादा लोगों को अपना निशाना बनाया है तो वहीं पीलीभीत में सियार की दहशत है. इन सबके बीच अब लखीमपुर खीरी में बाघों की एंट्री हो चुकी है. बीते दिन बाघ ने दिनदहाड़े खेत में काम कर रहे किसान को अपना निशाना बनाया और उसे निगल गया. किसान की उम्र 40 वर्ष बताई जा रही है. हादसे के बाद से इलाके में हड़कंप मचा हुआ है. स्थानीय लोग खेतों में जाने से डर रहे हैं. जानकारी के अनुसार, पिछले एक महीने में बाघ ने 4 चार लोगों का शिकार किया है. महज दो हफ्ते के अंदर बाघ ने दूसरे किसान को अपना निशाना बनाया है. यह घटना जिले के दक्षिण खीरी वन प्रभाग के महेशपुर रेंज की बताई जा रही है.
भेड़िए के बाद यूपी में बाघ का आतंक
घटना को लेकर स्थानीय ग्रामीणों में काफी आक्रोश देखा जा रहा है. वहीं, घटना के बाद दक्षिण खीरी के प्रभागीय वन अधिकारी ने इसकी पुष्टि की कि एक इंसान की हताहत होने की खबर सामने आई है. मिली जानकारी के अनुसार, इससे पहले बाघ ने 2 अगस्त को एक 9 साल के बच्चे, 4 अगस्त को एक 12 साल की बच्ची, 11 अगस्त को एक 64 साल के किसान और 27 अगस्त को एक ग्रामीण का शिकार किया था. ज्यादातर घटनाओं को तब अंजाम दिया गया, जब सभी खेत में बैठे हुए थे. इस दौरान बाघ पीछे से आया और उसने खेत में बैठे लोगों पर हमला कर दिया.
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लखीमपुर के 50 गांवों में बाघ का आतंक
लखीमपुर खीरी की बात करें तो वह दुधवा टाइगर रिजर्व और पीलीभीत टाइगर रिजर्व से घिरा हुआ है. यहां घनी आबादी वाला क्षेत्र है और इस तरह से बाघों के आतंक से लोग खेत में जाने से डर रहे हैं. लखीमपुर के 50 गांवों में बाघ का आतंक बताया जा रहा है. इसे पकड़ने के लिए वन विभाग ने 40 से ज्यादा कैमरे लगाए हैं और पूरे प्रभावित क्षेत्रों की निगरानी कर रहे हैं. बाघ को पकड़ने के लिए ट्रैंक्विलाइजिंग एक्सपर्ट को भी बुलाया गया है.बारिश और जलभराव की वजह से बाघों को पकड़ने में थोड़ी दिक्कत आ रही है. वहीं, स्थानीय लोगों को सतर्क रहने के लिए कहा गया है. बाघ ने 15 दिन के अंदर यह दूसरा शिकार किया है. लोग लगातार प्रशासन से त्वरित कार्रवाई की मांग कर रहे हैं.