आगरा मेट्रो प्रोजेक्ट का शिलान्यास के बाद सबसे पहले फतेहाबाद मार्ग पर टीडीआई मॉल के सामने ताजपूर्वी गेट स्टेशन का निर्माण शुरू होगा. यहां पिलर खड़े करने के लिए गोल गड्ढे खोदे जा रहे हैं. मेट्रो का ट्रॉयल दो साल में होना है. 2025-26 तक 30 किमी लंबे ट्रैक पर मेट्रो दौड़ने लगेगी. उत्तर प्रदेश मेट्रो रेल कॉरपोरेशन के मुताबिक आगरा मेट्रो नोएडा और दिल्ली मेट्रो के मुकाबले न केवल रफ्तार में तेज होगी बल्कि कई ज्यादा आधुनिक होगी.
आगरा मेट्रो में होंगे दो कॉरिडोर
सबसे पहले ताज पूर्वी गेट से जामा मस्जिद तक का प्राथमिक सेक्शन तैयार होगा. यह पहले कॉरीडोर का हिस्सा है. प्रथम कॉरीडोर ताज पूर्वी गेट से सिकंदर तक होगा. दूसरा कॉरिडोर आगरा कैंट से कालिंदी विहार तक होगा. आगरा मेट्रो के स्टेशन 77 मीटर लंबे होंगे. एक ट्रेन में तीन कोच होंगे. इसे लखनऊ मेट्रो के मॉडल पर तैयार किया जाएगा. मेट्रो कोच की डिजाइन भी एकदम अलग होगी.
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पहली कॉरिडोर: सिकंदरा से ताजमहल के पूर्वी गेट तक
पहला कॉरिडोर 14 किलोमीटर लंबा होगा. इसमें 13 स्टेशन होंगे.
ये स्टेशन होंगे- सिकंदरा, आईएसबीटी, गुरू का ताल, आरबीएस कॉलेज, राजामंडी, सेंट जोंस, मेडिकल कॉलेज, जामा मस्जिद, आगरा फोर्ट, ताजमहल, फतेहाबाद रोड, बसई और ताजपूर्वी गेट.
दूसरा कॉरिडोर: आगरा कैंट से कालिंदी विहार तक
दूसरा कॉरिडोर 16 किलोमीटर लंबा होगा. इसमें 15 स्टेशन होंगे.
ये स्टेशन होंगे : आगरा कैंट, सुल्तानपुरा, सदर बाजार, कलक्ट्रेट, सुभाष पार्क, सेंट जोंस, हरीपर्वत, संजय प्लेस, एमजी रोड, सुल्तानगंज पुलिया, कमला नगर,रामबाग, फाउड्री नगर,मंडी समिति व कालिंदी विहार.
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ऐसे होगी खास आगरा मेट्रो
- आगरा मेट्रो के कुल 29 स्टेशन होंगे, प्रत्येक पर एलईडी लाइट्स एवं डिस्प्ले स्क्रीन लगी होंगी.
- 10 स्टेशनों पर वाहन पार्किंग की सुविधा होगी, सिकंदरा और मंडी समिति में बड़ी पार्किंग होंगी.
- प्रत्येक स्टेशन पर यात्रियों के लिए एस्केलेटर व लिफ्ट की सुविधा होगी.
- रोलिंग स्टोक (कोच) नए डिजाइन व हल्के भार वाले होंगे.
- नोएडा, दिल्ली के मुकाबले सीट ज्यादा आरामदायक होंगी.
- मेट्रो का एडवांस सिग्नल सिस्टम ऑस्ट्रेलियन तकनीक से बनेगा.
- आगरा मेट्रो प्रोजेक्ट में 8380 करोड़ रुपये लागत आएगी. 7.31 लाख यात्री प्रतिदिन सफर कर सकेंगे. आगरा मेट्रो की रफ्तार 80 किलोमीटर प्रति घंटा होगी. जो दिल्ली और नोएडा मेट्रो से अधिक है. मेट्रो के एक कोच की कीमत आठ करोड़ रुपए है. प्रत्येक ट्रेन में तीन-तीन कोच होंगे. सबसे ज्यादा 16 ट्रेनें कालिंदी विहार से आगरा कैंट रेलवे स्टेशन तक कॉरिडोर पर चलेंगी.
आठ से 10 हजार लोगों को रोजगार
यूपीएमआरसी के एमडी केशव कुमार ने बताया कि आगरा मेट्रो से पर्यटन को फायदा होगा. सभी प्रमुख स्मारकों से होकर मेट्रो जाएगी. यातायात समस्या के साथ पर्यावरण बेहतर होगा. तीन से पांच साल तक मेट्रो कार्य में 8 से 10 हजार लोगों को रोजगार मिलेगा. पर्यटक एक स्मारक से दूसरे पर आसानी से पहुंच जाएंगे. उन स्मारकों पर सैलानियों की संख्या बढ़ेगी जिन पर अभी ताज के मुकाबले कम जाते हैं.
Source : News Nation Bureau