उत्तर प्रदेश विधासभा चुनाव से पहले ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिममीन ने बड़ा ऐलान किया है. एआईएमआईएम चीफ असुद्दीन ओवैसी ( AIMIM Asaduddin Owaisi) ने कहा कि उनकी पार्टी उत्तर प्रदेश की 100 सीटों पर चुनाव लड़ेगी. इसके साथ उन्होंने यह भी कहा कि उनकी पार्टी अतीक अहमद और उनकी परिवार को भी टिकट देगी. ओवैसी ने कहा कि अतीक नाम होने से कोई अपराधी नहीं हो जाता. उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि उनको अतीक से नहीं मिलने दिया गया. आपको बता दें ओवैसी ने यह बयान न्यूज नेशन के साथ खास बातचीत में दिया.
यह भी पढ़ेंः आतंकी एजाज अहंगर को तालिबान ने जेल से किया रिहा, सुरक्षा एजेंसियां अलर्ट
आपको बता दें कि एआईएमआईएम अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी को अहमदाबाद के साबरमती सेंट्रल जेल में पूर्व सांसद अतीक अहमद से मिलने की इजाजत नहीं दी गई थी. हैदराबाद के सांसद कुछ पार्टी नेताओं के साथ सोमवार सुबह अहमदाबाद पहुंचे, लेकिन गुजरात जेल अधिकारियों ने उन्हें अहमद से मिलने की अनुमति नहीं दी, जो हाल ही में ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) में शामिल हुए थे. एआईएमआईएम के सूत्रों ने हैदराबाद में बताया कि ओवैसी को सुबह 11 बजे अतीक अहमद से मिलने साबरमती सेंट्रल जेल पहुंचना था.उन्होंने कहा कि एसपी केंद्रीय कारागार ने कोविड-19 महामारी का हवाला देते हुए अंतिम समय में बैठक की अनुमति देने से इनकार कर दिया.
यह भी पढे़ंः चरणजीत सिंह चन्नी बने पहले दलित मुख्यमंत्री, पीएम मोदी ने दी बधाई
ओवैसी के साथ औरंगाबाद के सांसद इम्तियाज जलील, गुजरात राज्य इकाई के प्रमुख साबिर काबलीवाला और ग्रेटर हैदराबाद के पूर्व मेयर और उत्तर प्रदेश के एआईएमआईएम प्रभारी माजिद हुसैन भी थे. अतीक अहमद की पत्नी शाइस्ता परवीन इस महीने की शुरुआत में लखनऊ में ओवैसी की मौजूदगी में एआईएमआईएम में शामिल हुईं। समाजवादी पार्टी के पूर्व नेता भी अनुपस्थिति में एआईएमआईएम में शामिल हो गए. ओवैसी ने अतीक अहमद और उनकी पत्नी को यह दावा करते हुए शामिल किया कि सपा और बहुजन समाज पार्टी (बसपा) ने अपनी पार्टियों में मुसलमानों को गुलाम के रूप में इस्तेमाल किया. अहमद के खिलाफ कई आपराधिक मामले दर्ज हैं। उन्हें शामिल करने के अपने फैसले का बचाव करते हुए, ओवैसी ने यह भी कहा कि कई भाजपा नेता भी कई मामलों का सामना कर रहे हैं. पांच बार के विधायक और एक बार के सांसद अतीक अहमद के खिलाफ हत्या, अपहरण, अवैध खनन, रंगदारी, धमकी और धोखाधड़ी सहित 90 से अधिक आपराधिक मामले हैं. उन्हें 2019 में सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर उत्तर प्रदेश से गुजरात स्थानांतरित कर दिया गया था.
Source : News Nation Bureau