मैनपुरी लोकसभा सीट के लिए अखिलेश कर रहे बड़ी चुनौती का सामना

समाजवादी पार्टी के मुखिया मुलायम सिंह यादव के निधन के एक महीने के भीतर ही पार्टी में अशांति और परिवार में बेचैनी बढ़ रही है. समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव को उनके पिता मुलायत सिंह यादव के निधन से खाली हुई मैनपुरी लोकसभा सीट पर उपचुनाव के रूप में एक बड़ी चुनौती का सामना करना पड़ रहा है.  गौरतलब है कि मैनपुरी लोकसभा सीट समाजवादी पार्टी के साथ-साथ परिवार के लिए भी बेहद महत्वपूर्ण है क्योंकि यह 1989 से समाजवादी पार्टी के सबसे मजबूत गढ़ों में से एक रही है.

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IANS
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Akhilesh Yadav

(source : IANS)( Photo Credit : Twitter)

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समाजवादी पार्टी के मुखिया मुलायम सिंह यादव के निधन के एक महीने के भीतर ही पार्टी में अशांति और परिवार में बेचैनी बढ़ रही है. समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव को उनके पिता मुलायत सिंह यादव के निधन से खाली हुई मैनपुरी लोकसभा सीट पर उपचुनाव के रूप में एक बड़ी चुनौती का सामना करना पड़ रहा है.  गौरतलब है कि मैनपुरी लोकसभा सीट समाजवादी पार्टी के साथ-साथ परिवार के लिए भी बेहद महत्वपूर्ण है क्योंकि यह 1989 से समाजवादी पार्टी के सबसे मजबूत गढ़ों में से एक रही है.

5 दिसंबर को मैनपुरी सीट पर होने वाले उपचुनाव में उम्मीदवार तय करना अखिलेश यादव के लिए एक बड़ी चुनौती है. क्योंकि उनके चाचा शिवपाल सिंह यादव ने कुछ महीने पहले घोषणा की थी कि अगर मुलायम सिंह चुनाव नहीं लड़े तो वह 2024 में मैनपुरी सीट से चुनाव लड़ेंगे. एक वरिष्ठ नेता ने कहा शिवपाल यादव इस सीट पर किसी बाहरी व्यक्ति को स्वीकार नहीं कर सकते और अखिलेश के लिए इस समय परिवार और पार्टी को एकजुट रखना महत्वपूर्ण है-खासकर हाल ही में लखीमपुर खीरी में हार के बाद.

अखिलेश पर मैनपुरी में पार्टी की जीत सुनिश्चित करने का भी दबाव है क्योंकि समाजवादी पार्टी की बागडोर संभालने के बाद से उनको लगातार हार का सामना करना पड़ा है. अखिलेश के नेतृत्व में पार्टी 2017 का विधानसभा चुनाव, 2019 का लोकसभा चुनाव और फिर 2022 का विधानसभा चुनाव हार गई. 2022 के विधानसभा चुनावों के बाद सपा को आजमगढ़ और रामपुर व अब लखीमपुर उपचुनाव में अपमानजनक हार का सामना करना पड़ा है.

मैनपुरी और रामपुर में एक और हार पार्टी और परिवार में अखिलेश के लिए समस्या पैदा कर सकती है. पारिवारिक सूत्रों के मुताबिक माना जा रहा है कि तेज प्रताप यादव पार्टी का उम्मीदवार हो सकते हैं, जिन्होंने 2014 के उपचुनाव में मैनपुरी सीट जीती थी. तेज प्रताप यादव मुलायम के भतीजे हैं और उनके करीबी रहे हैं. मुलायम ने राजनीति में तेज प्रताप का मार्गदर्शन किया और तेज प्रताप ने महत्वपूर्ण मामलों पर हमेशा उनसे सलाह ली.

तेज प्रताप राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के दामाद हैं और 2019 में मैनपुरी सीट से मुलायम सिंह के चुनाव जीतने के बाद से ही तैयारी कर रहे हैं. मुलायम सिंह के सबसे बड़े भाई के पोते तेजप्रताप, मुलायम के दो साल से अस्वस्थ होने के कारण उनके निर्वाचन क्षेत्र के प्रतिनिधि थे. पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने कहा, तेज प्रताप मैनपुरी लोकसभा क्षेत्र के लोगों से बहुत घुलेमिले हुए हैं और संभवत: वही सपा की पसंद हैं.

इसके अलावा तेज प्रताप शिवपाल के भी उतने ही करीबी हैं और पारिवारिक सूत्रों ने कहा कि अगर तेज प्रताप को पार्टी का उम्मीदवार बनाया जाता है, तो शिवपाल उन्हें उपचुनाव में चुनौती नहीं देंगे. पारिवारिक सूत्रों ने बताया कि मुलायम सिंह की अनुपस्थिति में उनके छोटे भाई अभय राम, जो परिवार को एकजुट रखने की कोशिश कर रहे हैं, ने सुझाव दिया है कि तेज प्रताप को मैनपुरी से चुनाव लड़ना चाहिए. इससे अखिलेश और शिवपाल के बीच कोई और टकराव नहीं होगा.

Source : IANS

Akhilesh Yadav Samajwadi Party mulayam-singh-yadav Mainpuri Lok Sabha seat by poll
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