समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने चंद दिनों पहले ही कहा था कि मैं आजमगढ़ की जनता से पूछकर विधानसभा चुनाव लड़ूंगा. सपा प्रमुख अखिलेश यादव पहली बार विधानसभा चुनाव लड़ने जा रहे हैं. अखिलेश यादव की सीट तय होने से पहले यह अंदाजा लगाया जा रहा था कि वह आजमगढ़ के गोपालपुर, संभल के गुन्नौर, मैनपुरी सदर या छिबरामऊ में से किसी एक सीट से किस्मत आजमा सकते हैं. ऐसे में इन चारों सीटों को सपा के लिए सबसे बेहतर और मुफीद माना जा रहा था. लेकिन आजमगढ़ की जनता और मीडिया के अंदाज को धता बताते हुए अखिलेश यादव मैनपुरी की करहल विधानसभा सीट (Karhal Assembly Seat) से चुनाव लड़ने जा रहे है.
ऐसे में सवाल उठता है कि अखिलेश यादव ने ये सीट क्यों चुनी. इसके कई कारण हैं. पहला, यहां से मुलायम सिंह यादव का पुराना संबंध रहा है. समाजवादी पार्टी के संस्थापक मुलायम सिंह यादव ने करहल के जैन इंटर कॉलेज से शिक्षा ग्रहण की थी. करहल विधानसभा सीट समाजवादी पार्टी का मजबूत किला भी रहा है. करहल विधानसभा सीट की बात की जाए तो यह मुलायम के पैतृक गांव सैफई से महज चार किलोमीटर की दूरी पर स्थित है. मौजूदा समय में मुलायम सिंह यादव मैनपुरी से सांसद भी है.
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करहल विधानसभा सीट समाजवादी पार्टी की सबसे सुरक्षित सीटों में से एक है. करहल विधानसभा सीट पर समाजवादी पार्टी (सपा) का सात बार कब्जा रहा है. इस विधासभा सीट से 1985 में दलित मजदूर किसान पार्टी के बाबूराम यादव, 1989 और 1991 में समाजवादी जनता पार्टी (सजपा) और 1993, 1996 में सपा के टिकट पर बाबूराम यादव विधायक निर्वाचित हुए. 2000 के उपचुनाव में सपा के अनिल यादव, 2002 में बीजेपी और 2007, 2012 और 2017 में सपा के टिकट पर सोवरन सिंह यादव विधायक चुने गए.
HIGHLIGHTS
- करहल विधानसभा सीट समाजवादी पार्टी की सबसे सुरक्षित सीटों में से एक
- अखिलेश यादव मैनपुरी की करहल विधानसभा सीट से चुनाव लड़ने जा रहे है
- करहल विधानसभा सीट पर समाजवादी पार्टी का सात बार कब्जा रहा है