अखिलेश यादव ने आज यहां जारी बयान में कहा कि, "भाजपा सरकार अन्नदाता किसान के साथ कई तरह के छलकपट करने की रणनीति बनाने में व्यस्त है. किसानों के खेत छीनने की मंशा के साथ प्रधानमंत्री ने अब उसे उद्यमी बनाने की ओर प्रयास करने की साजिश की ओर भी इशारा कर दिया है. इसका सीधा अर्थ है कि भाजपा सरकार अब किसानों को भी आयकर के दायरे में भी लाना चाहती है. किसान को अभी तक मिलने वाले लाभों को शीघ्र ही समाप्त कर दिया जाएगा."
उन्होंने कहा कि, "किसान को अन्नदाता की श्रेणी में रहने दिया जाए. लेकिन कृषि को उद्योगों जैसी सुविधाएं मिलनी चाहिए. कृषि से सम्बन्धित तीनों कानून किसानों के हितों के विरूद्ध है. इसके खिलाफ किसानों में व्यापक आक्रोश है. उसकी योजना अन्नदाता को खेतिहर मजदूर बना देने की है. किसान की खेती कॉरपोरेट को सौंप दी जाएगी. उसकी फसल का सौदा भी अब बड़े एजेंटों, व्यापारियों की मर्जी पर होगा."
अखिलेश ने कहा कि, "भाजपा सरकार किसानों के साथ सिर्फ छलावा करती आई है. किसानों की कर्जमाफी या उनकी आय दुगनी करने की बात हो अथवा उनकी फसल की लागत का मूल्य देने की, भाजपा सरकार इनमें से एक भी वादा पूरा नहीं कर पाई है. इसके बजाय सरकार तरह-तरह के प्रपंच रचने में लगी है."
Source : Bhasha