समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने प्रवासी मजदूरों को लेकर एक बार फिर भारतीय जनता पार्टी की सरकार पर हमला बोला है. अखिलेश यादव ने आरोप लगाया कि भाजपाई गरीब विरोधी नीतियां ही लोगों को गैर-कानूनी काम करने के लिए बाध्य कर रही हैं. उन्होंने यूपी सरकार (Up Government) के घेरते हुए कहा कि अगर सरकार का गरीब-मजदूरों के प्रति ऐसा ही दुर्भावपूर्ण व उपेक्षापूर्ण व्यवहार रहा तो भला किस पर विश्वास करके ये प्रवासी मजदूर वापस काम पर लौटेंगे.
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उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और सपा प्रमुख अखिलेश ने रविवार को ट्वीट कर कहा, 'अगर सरकार का गरीब-मजदूरों के प्रति ऐसा ही दुर्भावपूर्ण व उपेक्षापूर्ण व्यवहार रहा तो भला किस पर विश्वास करके ये प्रवासी मजदूर वापस काम पर लौटेंगे. अमीरों की इस सरकार ने अब तो श्रम कानूनों का रक्षा-कवच भी छीन लिया है. बिना मजदूर के कोई काम-कारखाना कैसे चलेगा, कोई तो समझे.'
अखिलेश यादव ने एक अन्य ट्वीट में कहा, 'भाजपा सरकार का आदेश है कि प्रवासी मजदूरों को उत्तर प्रदेश बार्डर पर न घुसने देंगे, न सड़क या रेल ट्रैक पर चलने देंगे, न ट्रक-दुपहिया से जाने देंगे. भाजपाई गरीब विरोधी नीतियां ही लोगों को गैर-कानूनी काम करने के लिए बाध्य कर रही हैं. ऐसा करो बाबू गरीब की ज़िंदगी पर ही रासुका लगा दो.'
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इससे पहले अखिलेश यादव ने कहा, 'एक दुर्भाग्यपूर्ण आंकड़ा आया है कि भारत कोरोना के पीड़ितों के मामले में चीन से भी आगे निकल गया है. जिस प्रकार सड़कों पर अफरातफरी मची है, उससे साबित होता है कि समाज में दूरी पैदा करने वाली भाजपा अब सामाजिक दूरी जैसे निवारक उपायों को भी लागू करवाने में पूर्णतः असफल रही है.'
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