उत्तर प्रदेश विधानसभा में बुधवार का दिन हमेशा याद रहने वाला है. विधानसभा में अखिलेश यादव और केशव प्रसाद मौर्या के बीच जम कर तू-तू मैं-मैं हुई. हालात यहां तक बिगड़ गए कि दोनों ही पार्टियों के विधायक तक आमने-सामने आ गए, जिसके बाद खुद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को मोर्चा संभालना पड़ा. योगी आदित्यनाथ ने अखिलेश यादव को जमकर फटकार भी लगाई. उन्होंने कहा कि कम से कम सदन के वरिष्ठ नेताओं के लिए तो ऐसी अभद्र भाषा का इस्तेमाल मत करिए. दरअसल, केशव प्रसाद मौर्य के बोलते समय अखिलेश यादव लगातार टोका-टोकी कर रहे थे, जिसके बाद केशव प्रसाद मौर्या ने उन्हें डांट लगा दी. इससे तिलमिलाए अखिलेश यादव व्यक्तिगत टिप्पणियों पर उतर आए थे. तभी योगी आदित्यनाथ को बीच में हस्तक्षेप करना पड़ा.
अखिलेश यादव के हमलों के बाद केशव प्रसाद मौर्या ने किया पलटवार
बुधवार दिन में राज्यपाल के अभिभाषण पर चर्चा के दौरान अखिलेश यादव ने योगी सरकार पर एक घंटे से अधिक समय तक हमले किए. इसके बाद योगी सरकार के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य खड़े हुए तो उन्होंने सपा पर पलटवार शुरू किया. अखिलेश यादव ने उन्हें बीच-बीच में टोकने लगे। अखिलेश यादव ने केशव प्रसाद मौर्य के भाषण के बीच खड़े होकर उनसे पूछा कि वह (केशव) बताएं कि लोकभवन में कब बैठ पाएंगे. केशव ने जवाब दिया कि लोक भवन में कलम खिल गया है और खिला रहेगा. साइकिल पंक्चर ठीक हो गई है उसे यूपी की जनता ठीक नहीं करेगी.
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सैफई की बात को पिता जी तक ले गए अखिलेश यादव
अखिलेश ने कहा कि यह पीडब्ल्यूडी मंत्री रहे हैं. ये भूल गए कि उनके जिला मुख्यालय की सड़क किसने बनाई? बताएं फोन लेन किसने बनाई. केशव ने जवाब दिया, 'अध्यक्ष जी कृप्या इन्हें बता दीजिए कि पांच साल सत्ता में नहीं रहे, फिर पांच साल के लिए फिर विदा हो गए हैं. 2027 में चुनाव आएगा फिर कमल खिलेगा. सड़क किसने बनाई है, एक्सप्रेस वे किसने बनाई है, मेट्रो किसने बनाई है, ऐसा लगता है कि आपने सैफई की जमीन बेचकर आपने यह सब बना दिया है.' यह सुनते ही अखिलेश यादव बिफर पड़े और कहा, 'तुम पिता जी से पैसा लाते हो यह बनाने के लिए. राशन बांटा है तो पिताजी से पैसा लाए हो.' अखिलेश के इतना कहते ही दोनों ओर के विधायक खड़े हो गए और हंगामा होने लगा.
योगी आदित्यनाथ ने लगाई अखिलेश यादव को फटकार
हंगामा बढ़ते देख सीएम योगी आदित्यनाथ खड़े हुए. उन्होंने सबको मर्यादा में रहने की नसीहत देते हुए कहा कि सहमति-असहमति हो सकती है किसी बात पर. हम बाद में ठीक करवा सकते हैं. लेकिन तू-तू- मैं-मैं का इस्तेमाल नहीं होना चाहिए. किसी असभ्य भाषा का इस्तेमाल नहीं होना चाहिए. यह गलत परंपरा होगी और देश में गलत संदेश जाएगा. उन्होंने विपक्ष के नेता को मर्यादा का पालन करने की बात कही.
HIGHLIGHTS
- उत्तर प्रदेश विधानसभा में तू-तू, मैं-मैं
- अखिलेश यादव Vs केशव प्रसाद मौर्या
- सीएम योगी आदित्यनाथ को करना पड़ा हस्तक्षेप