उत्तर प्रदेश के बलिया में चुनावी रंजिश में हत्या मामले में कोर्ट ने पांच आरोपियों को दोषी करार दिया है. यहां कोर्ट ने उन्हें आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. इतना ही नहीं सभी अपराधियों को 18 हजार 500 रुपए का जुर्माना भी देना होगा. मामला साल 2015 का है, जहां पांचों ने मिलकर चुनावी रंजिश के चलते 2 लोगों की हत्या कर दी थी.
पुलिस अधीक्षक विक्रांत वीर के मुताबिक अतिरिक्त जिला न्यायाधीश राम कृपाल ने शनिवार को बताया कि रमेश यादव, जनार्दन यादव, सुरेश यादव, अनिल यादव और रामविलास को दोषी ठहराया गया. पांचों को उम्रकैद की सजा सुनाई है. उन्होंने बताया कि 17 अक्टूबर 2015 को पंचायत चुनाव के दौरान अपराधियों ने विरोधी पक्ष पर फायरिंग कर जान ले ली थी.
दरअसल, रामनाथ यादव और कांता यादव एक उम्मीदवार का समर्थन कर रहे थे. इसी बात से नाराज होकर पांचों ने रामगढ़ गांव में रामनाथ और कांता की गोली मारकर हत्या कर दी थी. इस हत्याकांड के बाद राजेश यादव की शिकायत के बाद पुलिस ने आईपीसी की संबंधित धाराओं के तहत केस दर्ज कर सभी अपराधियों को हिरासत में ले लिया था.
युवक की पीट-पीटकर ली थी जान
ऐसा बलिया में पहली बार नहीं है, इसी साल मई में भी यहां 24 साल के एक युवक की पीट-पीटकर जान ले ली थी. इस वारदात को आरोपियों ने मामूली बहस के बाद अंजाम दिया था. इस सनसनीखेज घटना की सूचना मिलते ही पुलिस हरकत में आ गई और सात लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली गई थी. मृतक की पहचान ब्रिजेश सिंह के तौर पर हुई थी. उसकी खजूरी इलाके में बेरहमी से पीटकर हत्या की गई थी.
सिर पर गंभीर चोट लगने से हुई थी मौत
अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक अनिल कुमार झा ने बताया था कि कुछ आरोपियों ने ब्रिजेश सिंह की बेरहमी से मारपीट की थी, इसमें उसके सिर पर गंभीर चोट लग गई थी और खून बहने लगा था. इधर, उसके परिजन उसे सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ले गए, जहां इलाज के दौरान उसने दम तोड़ दिया था. पीड़ित के भाई नीतीश ने पुलिस को बताया कि उसके भाई की आरोपियों के साथ बहसबाजी हुई थी. इस मामले में नीतीश की शिकायत के आधार पर पुलिस ने सात लोगों के खिलाफ केस दर्ज कर कार्रवाई की थी.