उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के गाजीपुर की मस्जिदों में अजान पर रोक के मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बड़ा फैसला दिया है. हाईकोर्ट ने गाजीपुर के जिलाधिकारी के आदेश को रद्द करते हुए मस्जिदों से अजान की अनुमति दी है. अदालत ने अपने फैसले में कहा कि मस्जिदों में अजान से कोविड-19 (COVID-19) की गाइडलाइन का उल्लंघन नहीं होता है. अदालत ने अजान को धार्मिक अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता से जुड़ा हुआ बताया है. हालांकि इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court) ने लाउडस्पीकर से अजान की अनुमति नहीं दी है.
यह भी पढ़ें: भारत में मुस्लिमों के खिलाफ बयानबाजी और प्रताड़ना दुर्भाग्यपूर्ण: अमेरिकी राजनयिक
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा कि सिर्फ उन्हीं मस्जिदों में लाउडस्पीकर का इस्तेमाल हो सकता है, जिन्होंने इसकी लिखित अनुमति ले रखी हो. जिन मस्जिदों के पास अनुमति नहीं है, वह लाउडस्पीकर के इस्तेमाल के लिए आवेदन कर सकते हैं. लाउडस्पीकर की अनुमति वाली मस्जिदों में भी ध्वनि प्रदूषण के नियमों का पालन करना होगा. बता दें कि कोरोना काल में लॉकडाउन के दौरान किसी भी धार्मिक समूह द्वारा सभी तरह की धार्मिक गतिविधियों पर प्रतिबंध लगाया गया है. इसी के तहत गाजीपुर के जिलाधिकारी के मस्जिद में अजान पर रोक लगाने का आदेश दिया था. जिसके खिलाफ बहुजन समाज पार्टी के सांसद अफजाल अंसारी ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की थी.
यह भी पढ़ें: UP में पाकिस्तानी टिड्डियों के हमले का मंडराने लगा खतरा, इन जिलों में अलर्ट जारी
4 मई को राज्य सरकार ने उच्च न्यायालय में बताया गया था कि गाजीपुर जिला हॉटस्पॉट (संक्रमण से ज्यादा प्रभावित क्षेत्र) क्षेत्र घोषित है, इसलिए केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा 24 मार्च को जारी दिशानिर्देशों के संदर्भ में कुछ पाबंदियां लगाई गई हैं.स चूंकि अजान लाउडस्पीकर पर नमाज के लिए एक आह्वान, इसलिए गाजीपुर में इस पर पाबंदी लगाई गई. हलफनामे में कई ऐसे उदाहरण गिनाए गए, जिनमें अजान के बाद लोग गाजीपुर में मस्जिदों में इकट्ठा हुए जिसके बाद प्रशासन को स्थिति नियंत्रित करने में काफी मशक्कत करनी पड़ी. हालांकि आज बसपा सांसद की याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने अजान की छूट दे दी है.
यह वीडियो देखें: