इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court) ने बुधवार को बीते 12 साल से वाराणसी जेल में बंद गैंगस्टर बृजेश सिंह (Brijesh Singh) को जमानत दे दी है. न्यायमूर्ति अरविंद कुमार मिश्रा की एकल पीठ ने जमानत दी. गौरतलब है कि गाजीपुर के उसर चट्टी इलाके में मऊ विधायक मुख्तार अंसारी के काफिले पर जानलेवा हमले के मामले में बृजेश सिंह पिछले 12 साल से जेल में है. इलाहाबाद हाई कोर्ट में सशर्त जमानत दी गई है. यह मामला 15 जुलाई 2001 का है. यहां के मोहम्मदाबाद थानाक्षेत्र में स्थित उसर चट्टी के क्षेत्र में उस समय मऊ से विधायक रहे मुख्तार अंसारी के काफिले पर बृजेश सिंह ने त्रिभुवन सिंह के साथ मिलकर घातक हमला किया था.
इस हमले में मुख्तार अंसारी के गनर के साथ तीन अन्य लोगों की मौत हो गई थी. इस हमले में बृजेश सिंह भी घायल हो गया था. इस दौरान यह चर्चा थी कि बृजेश सिंह क्रॉस फायरिंग में मारा गया. बृजेश सिंह सालों तक छिपे रहे. इस दौरान वह अपना कारोबार भी संभालते रहे.
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पुलिस के हत्थे न चढ़ने पर उन पर पांच लाख रुपये के इनाम का ऐलान किया गया. बाद में दिल्ली स्पेशल सेल ने उसे भुवनेश्नर से गिरफ्तार किया. इसके बाद बृजेश सिंह को यूपी लाया गया और तब से वे लंबे समय से वाराणसी जेल में बंद हैं. जमानत को लेकर याची की ओर से दलील दी गई कि वह इस मामले में 2009 से जेल में कैद हैं. हाईकोर्ट के आदेश के बावजूद गाजीपुर में इस मामले को लेकर अब तक ट्रायल नहीं आरंभ हुआ. अभी तक एक गवाही ही पूरी हो सकी है. आपको बता दें कि इलाहाबाद हाईकोर्ट ने इस मामले में पहले बृजेश सिंह की जमानत को खारिज कर दिया था. उसने निचली अदालत को एक वर्ष में ट्रायल को पूरा करने के आदेश दिया था. मगर एक साल बीत जाने के बाद भी ट्रायल पूरा नहीं हो सका. इसे लेकर बृजेश सिंह की ओर से कोर्ट में जमानत को लेकर दोबारा याचिका डाली थी.
HIGHLIGHTS
- न्यायमूर्ति अरविंद कुमार मिश्रा की एकल पीठ ने जमानत दी
- विधायक रहे मुख्तार अंसारी के काफिले पर हमले का मामला
- कोर्ट में जमानत को लेकर एक बार फिर याचिका डाली थी