इलाहाबाद हाईकोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार को एक 'फुलप्रूफ योजना' प्रस्तुत करने को कहा है, जिसके माध्यम से 14 जनवरी से शुरू होने वाले वार्षिक 'माघ मेले' के दौरान कोरोना प्रसार को नियंत्रित किया जा सके. उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव ने कोर्ट को सूचित किया था कि लोगों को मेले में कोविड-19 टेस्ट रिपोर्ट नेगेटिव दिखाए जाने के बाद ही माघ मेले में प्रवेश की अनुमति दी जाएगी, जिसके बाद कोर्ट का आदेश आया. राज्य सरकार ने कहा है कि वह मेले में सुरक्षा प्रोटोकॉल लागू करेगी और सामाजिक दूरी का पालन सुनिश्चित करेगी.
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राज्य सरकार द्वारा प्रस्तुत निर्देशों की समीक्षा करते हुए न्यायमूर्ति सिद्धार्थ वर्मा और न्यायमूर्ति अजीत कुमार की खंडपीठ ने कहा कि राज्य द्वारा कोरोना वायरस के प्रसार को रोकने के लिए उठाए गए कदम पर्याप्त नहीं हैं, और वह इससे आश्वस्त नहीं हैं. जनहित याचिका में सुनवाई के लिए अगली तारीख 12 जनवरी तय करते हुए हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को 'फुलप्रूफ योजना' के साथ आने का निर्देश दिया, जिसमें संक्रमण के प्रसार को नियंत्रित करने की योजना हो.
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कोर्ट ने कहा, 'वे (सरकार) इस बात को ध्यान में रखें कि माघ महीने के दौरान कई बड़ी मंडलियां आती हैं और अगर कोई संक्रमित व्यक्ति शहर के अंदर भी घुस जाता है, तो वह कहर ढा सकता है.' माघ मेला प्रयागराज में माघ (जनवरी / फरवरी) के महीने में आयोजित एक वार्षिक उत्सव है. यह मेला हर साल बड़ी संख्या में पर्यटकों और तीर्थयात्रियों को आकर्षित करता है. मेला 45 दिनों तक चलता है.
Source : IANS/News Nation Bureau