Advertisment

लिव इन रिलेशनशिप में रह रहीं लड़कियों को HC ने दी सुरक्षा

सुप्रीम कोर्ट के मुताबिक आपसी सहमति से दो समलैंगिकों के बीच बनाए गए संबंध को आपराधिक कृत्य नहीं माना जाएगा. समलैंगिको के भी वही मूल अधिकार हैं जो किसी सामान्य नागरिक के हैं. सबको सम्मान से जीने का अधिकार है. 

author-image
Shailendra Kumar
New Update
Allahabad High Court

इलाहाबाद हाईकोर्ट( Photo Credit : न्यूज नेशन )

Advertisment

इलाहाबाद हाई कोर्ट ने दो महिलाओं के लिव-इन-रिलेशनशिप में रहने की याचिका पर अहम फैसला दिया है. दायर याचिका में दोनों महिलाओं ने सुरक्षा की मांग की थी. बता दें कि दोनों महिलाओं के इस रिश्ते का परिवार और समाज विरोध कर रहा है. कोर्ट ने कहा कि समाज की नैतिकता अदालत के फैसलों को प्रभावित नहीं कर सकती. कोर्ट का दायित्व है कि वह सांविधानिक नैतिकता और लोगों के अधिकारों को संरक्षण प्रदान करे. कोर्ट ने पुलिस अधीक्षक शामली को याचियों को संरक्षण देने का निर्देश देते हुए कहा कि उन्हें किसी द्वारा परेशान न किया जाए.

यह भी पढ़ें : दिल्ली में कोरोना विस्फोट, 10 दिन में 50 हजार नए मरीज

ये आदेश न्यायमूर्ति शशिकांत गुप्ता और न्यायमूर्ति पंकज भाटिया की खंडपीठ ने शामली के तैमूरशाह मोहल्ले की निवासी सुल्ताना मिर्जा और विवेक विहार की निवासी किरनरानी की याचिका को निस्तारित करते हुए दिया है. याचियों का कहना था कि वे बालिग हैं. दोनों नौकरी कर रही हैं. साथ ही लंबे समय से लिव-इन-रिलेशनशिप में रह रही हैं. इसका परिवार और समाज विरोध कर रहा है, उन्हें परेशान किया जा रहा है.

यह भी पढ़ें : चीन-पाक को मिलेगा करारा जवाब, 3 और राफेल आज पहुंच रहे भारत

देश की सर्वोच्च अदालत ने नवतेज सिंह जोहर केस में समलैंगिकता को मान्यता दी है. सुप्रीम कोर्ट के मुताबिक आपसी सहमति से दो समलैंगिकों के बीच बनाए गए संबंध को आपराधिक कृत्य नहीं माना जाएगा. समलैंगिको के भी वही मूल अधिकार हैं जो किसी सामान्य नागरिक के हैं. सबको सम्मान से जीने का अधिकार है. 

Source : News Nation Bureau

इलाहाबाद हाईकोर्ट allahabad high court लिव इन रिलेशनशिप High Court News living relationship High Court decision Allahabad High Court instructions girls living
Advertisment
Advertisment