इलाहाबाद हाईकोर्ट ने डीजीपी ओपी सिंह को निर्देश दिया है कि एफआईआर लिखते वक्त सामान्य व सरसरी तौर पर एससी-एसटी एक्ट की धाराएं ना लगाई जाएं. इसके साथ ही कहा है कि पहले तहरीर की जांच अच्छी तरह कर ली जाए, ताकि ये पता चल सके कि दलित उत्पीड़न का अपराध पूरी से बन रहा है, तभी एससी-एसटी एक्ट लगाया जाए. यह आदेश इलाहाबाद के न्यायमूर्ति वीके नारायण और न्यायमूर्ति एसके सिंह की पीठ ने मुजफ्फरनगर के चरथावल थाने में दर्ज एससी एसटी एक्ट की प्राथमिकी को चुनौती देने वाली याचिका की सुनवाई करते हुए दिया है. याचिकाकर्ता नीरज कुमार मिश्र व अन्य ने याचिका में प्राथमिकी रद्द करने की मांग की है.
इसे भी पढ़ें : 26 दिसंबर को 10 लाख बैंक कर्मचारी जाएंगे हड़ताल पर, आम लोगों पर पड़ेगा असर
नीरज कुमार का कहना है कि एससी-एसटी एक्ट के तहत कोई अपराध न बनने के बावजूद उस पर धाराएं लगा दी गई हैं. कोर्ट ने डीजीपी को सर्कुलर जारी करने का आदेश देते हुए इस मामले पर अगली सुनवाई 25 जनवरी को तय की गई है.
Source : News Nation Bureau