इलाहाबाद हाईकोर्ट ने शादी के लिए धर्म परिवर्तन को बताया गलत

उत्तर प्रदेश के एटा जिले के निवासी जावेद की जमानत याचिका के मामले में सुनवाई के दौरान इलाहाबाद हाईकोर्ट ने ये ज़िक्र किया. अदालत ने कहा कि धर्म आस्था का विषय होता है, ये आपकी जीवन शैली को दर्शाता है.

author-image
Ritika Shree
New Update
allahabad hightcourt 52

इलाहाबाद हाईकोर्ट( Photo Credit : न्यूज़ नेशन)

Advertisment

उत्तर प्रदेश में लव जिहाद (Love Jihad)के बढ़ रहे मामलों के बीच अब इस पूरे घटनाक्रम में अकबर और जोधाबाई के किस्से की एंट्री भी हुई है. इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court) ने मंगलवार को सिर्फ शादी के लिए धर्म परिवर्तन किए जाने पर चिंता व्यक्त की है. एक मामले की सुनवाई के दौरान इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मुगल बादशाह अकबर और जोधाबाई की शादी का उदाहरण देते हुए धर्म परिवर्तन से बचने की सलाह दी. अदालत ने टिप्पणी की कि अकबर-जोधाबाई की शादी का सबक लेकर धर्म परिवर्तन की गैर-ज़रूरी घटनाओं से बचा जा सकता है. इस टिप्पणी में ज़िक्र किया गया कि अकबर-जोधाबाई ने बिना धर्म परिवर्तन के विवाह किया, एक-दूसरे का सम्मान किया और धार्मिक भावनाओं का भी आदर किया. दोनों के रिश्तों में कभी भी धर्म आड़े नहीं आया था.

यह भी पढ़ेः अगस्त में Terror Attacks का खतरा: आतंकी छुड़ाने, लखनऊ का मंदिर उड़ाने की धमकी

दरअसल, उत्तर प्रदेश के एटा जिले के निवासी जावेद की जमानत याचिका के मामले में सुनवाई के दौरान इलाहाबाद हाईकोर्ट ने ये ज़िक्र किया. अदालत ने कहा कि धर्म आस्था का विषय होता है, ये आपकी जीवन शैली को दर्शाता है. अपने फैसले में सख्त टिप्पणी करते हुए इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा कि निजी फायदे के लिए किया गया धर्म परिवर्तन, ना सिर्फ व्यक्तिगत तौर पर नुकसान पहुंचाता है बल्कि यह देश व समाज के लिए भी खतरनाक होता है. इस तरह के धर्म परिवर्तन की घटनाओं से धर्म के ठेकेदारों को बल मिलता है और विघटनकारी ताकतों को बढ़ावा मिलता है. दरअसल, एटा जिले के जावेद ने हिन्दू लड़की को बहला-फुसलाकर उसके साथ शादी की थी, बाद में लड़की का धर्म बदलवाने के लिए कागज़ों पर दस्तखत कराए गए थे. धर्म बदलते ही एक हफ्ते में शादी हो गई थी, लेकिन बाद में लड़की ने मजिस्ट्रेट के सामने खुद के साथ धोखाधड़ी किए जाने का बयान दिया था.  लड़की के बयान के आधार पर जावेद को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया था, जावेद की जमानत अर्जी इन्हीं दलीलों के आधार पर कोर्ट ने खारिज कर दी है. 

यह भी पढ़ेः बहुसंख्यक समाज के लोगों के धर्मांतरण से कमजोर होता है देशः इलाहाबाद HC

हाईकोर्ट ने कहा कि ईश्वर के प्रति आस्था जताने के लिए किसी विशेष पूजा पद्धति का होना जरूरी नहीं है, विवाह करने के लिए समान धर्मों का होना भी कतई जरूरी नहीं है. ऐसे में महज शादी करने के लिए धर्म परिवर्तन किया जाना पूरी तरह गलत होता है. हाईकोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि इस तरह के धर्म परिवर्तन में धर्म विशेष के प्रति कोई आस्था नहीं होती है,  यह फैसला हमेशा दबाव, डर व लालच में लिया जाता है. महज शादी के लिए किया गया धर्म परिवर्तन गलत होता है और यह शून्य होता है और इसकी कोई संवैधानिक मान्यता नहीं होती है.

HIGHLIGHTS

  • अदालत ने कहा कि धर्म आस्था का विषय होता है
  • अकबर-जोधाबाई ने बिना धर्म परिवर्तन के विवाह किया
  • अकबर-जोधाबाई की शादी का उदाहरण देते हुए धर्म परिवर्तन से बचने की सलाह दी

Source : News Nation Bureau

marriage allahabad high court change of religion wrong Jodha-Akabar
Advertisment
Advertisment
Advertisment