उत्तर प्रदेश के हाथरस (Hathras Case) जिले में 19 वर्षीय दलित एक युवती के साथ कथित सामूहिक बलात्कार, हत्या और उसके जबरन अंतिम संस्कार की घटना से नाखुश इलाहाबाद उच्च न्यायालय (Allahabad High Court) की लखनऊ पीठ ने बृहस्पतिवार को सम्मन जारी कर राज्य सरकार के शीर्ष अधिकारियों को अदालत में उपस्थित होने को कहा. न्यायमूर्ति राजन रॉय और न्यायमूर्ति जसप्रीत सिंह की पीठ ने उत्तर प्रदेश के अपर मुख्य सचिव, पुलिस महानिदेशक और अपर पुलिस महानिदेशक को सम्मन जारी कर सभी से 12 अक्टूबर को अदालत में पेश होने और मामले में स्पष्टीकरण देने को कहा है.
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युवती के साथ 14 सितंबर को हुए कथित तौर पर हुए सामूहिक बलात्कार और उसकी मौत की घटना पर स्वत: संज्ञान लेते हुए पीठ ने हाथरस के जिलाधिकारी और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक को भी अदालत के समक्ष उपस्थित होने को कहा. पीठ ने अधिकारियों को घटना के बारे में अपने-अपने पक्ष से न्यायालय को अवगत कराने के लिए सभी संबंधित सामग्री और दस्तावेजों के साथ तैयार होकर आने को कहा. माता-पिता की सहमति के बगैर रात में जबरन युवती का अंतिम संस्कार किए जाने से विशेष रूप से नाराज अदालत ने अधिकारियों से कथित सामूहिक दुष्कर्म और हत्या मामले की जांच की ताजा स्थिति के बारे में उसे बताने को कहा.
पीठ ने युवती के माता-पिता से भी कहा है कि वे अदालत आकर अपना पक्ष रखें. अदालत ने हाथरस जिला प्रशासन को उनकी यात्रा का प्रबंध करने का आदेश दिया है.
NHRC का भी नोटिस
इससे पहले एनएचआरसी (NHRC) ने यूपी पुलिस महानिदेशक (DGP) और प्रदेश के मुख्य सचिव को नोटिस जारी किया था. आयोग ने इस संबंध में डीजीपी और मुख्य सचिव को चार हफ्ते में घटना की रिपोर्ट देने को कहा. महाराष्ट्र के एक वकील से आयोग को ऐसी एक शिकायत मिली थी, जिसमें घटना की SIT या CB-CID जांच की मांग की गई थी.
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डीएम का दावा है कि परिवार द्वारा सहमति से अंतिम संस्कार किया गया था
वहीं, हाथरस के डीएम का कहना है कि हाथरस गैंगरेप पीड़िता के शव का अंतिम संस्कार पुलिस ने जबरन नहीं किया है. परिवारवालों की सहमति से अंतिम संस्कार किया गया है. हाथरस के डीएम ने कहा, 'परिवार की सहमति के बिना अंतिम संस्कार किए जाने का आरोप गलत है. पिता और भाई ने रात में अंतिम संस्कार करने के लिए अपनी सहमति दी. अंतिम संस्कार के समय परिवार के सदस्य भी मौजूद थे. पीड़िता का शव ले जाने वाला वाहन रात 12:45 से 2:30 बजे तक गांव में मौजूद था.'