Allahabad High Court: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने धर्मांतरण को लेकर बड़ी टिप्पणी की है. जिसकी चर्चा हर तरफ हो रही है. दरअसल, सोमवार को एक मामले पर सुनवाई करते हुए धर्मांतरण पर इलाहाबाद हाई कोर्ट ने कहा कि यदि धार्मिक सभाओं में धर्मांतरण की प्रवृत्ति बनी रही तो एक दिन देश की बहुसंख्यक आबादी अल्पसंख्यक हो जाएंगे. इतना ही नहीं हाईकोर्ट ने धर्मांतरण किए जाने वाली धार्मिक सभाओं पर तुरंत रोक लगाने को भी कहा. बता दें कि हाई कोर्ट ने कहा कि इसी तरह धार्मिक सभाओं में लोगों को पैसे की लालच देकर धर्म परिवर्तन कराया जाता रहा तो एक दिन बहुसंख्यक आबादी अल्पसंख्यक हो जाएगी. इसके साथ ही अनुच्छेद 25 का जिक्र करते हुए कहा कि ऐसे आयोजन धार्मिक स्वतंत्रता के अधिकार के खिलाफ हैं और अनुच्छेद 25 में धर्मांतरण का प्रावधान नहीं है.
...तो बहुसंख्यक आबादी अल्पसंख्यक हो जाएगी
आगे सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने कहा कि हमें किसी भी धर्म के प्रचार की स्वतंत्रता है, लेकिन किसी भी प्रकार के धर्म परिवर्तन की अनुमति नहीं दी गई है. दरअसल, एक जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने यह फैसला सुनाया और कहा कि यूपी में गरीब लोगों को पैसों की लालच देकर व गुमराह कर उनका धर्मांतरण कराकर ईसाई धर्म में परिवर्तित किया जा रहा है. आरोपी की जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए इसे हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया. जस्टिस रोहित रंजन ने इस याचिका पर सुनवाई की.
क्या है कैलाश पर आरोप?
आपको बता दें कि शिकायतकर्ता के खिलाफ यह आरोप लगाया गया है कि उसने गांव के कई लोगों को ईसाई बना दिया. दरअसल, इस मामले में रामकली प्रजापति की तरफ से एक एफआईआर दर्ज किया गया था जिसमें उसने बताया कि कैसे कैलाश नामक शख्स ने उसके मानसिक रूप से बीमार भाई को इलाज के लिए दिल्ली ले गया था और कहा था कि वह इलाज के बाद उसे गांव वापस ले आएगा. वहीं, जब लंबे समय तक उसका भाई गांव वापस नहीं लौटा तो वह उसके द्वारा आयोजित एक सभा में पहुंचा, जहां उसने देखा कि उसके भाई का धर्म परिवर्तन कराकर ईसाई बना दिया गया है.
HIGHLIGHTS
- इलाहाबाद हाईकोर्ट की गंभीर टिप्पणी
- ...तो बहुसंख्यक आबादी अल्पसंख्यक हो जाएगी
- क्या है कैलाश पर आरोप?
Source : News Nation Bureau