इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court) ने न्यायिक सेवा से जुड़े अधिकारियों के लिए एक अहम आदेश जारी किया है. इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मंगलवार को अपने फैसले में कहा कि अब न्यायिक सेवा से जुड़े अधिकारी अपने वाहनों पर पदनाम नहीं लिख सकते.
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हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल मयंक जैन ने अधिसूचना जारी कर दी है. इसके तहत सरकारी और निजी दोनों तरह के वाहनों पर पदनाम नहीं लिखा जा सकेगा. चीफ जस्टिस गोविंद माथुर के निर्देश पर ये अधिसूचना जारी की गई. सूचना प्रदेश के सभी जिला जजों, OSD और अधिकारियों को भेज दी गई है.
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आपको बता दें कि इससे पहले उत्तर प्रदेश में निजी गाड़ियों पर उत्तर प्रदेश सरकार लिखने पर रोक लगा दी गई है. इस आदेश में चार पहिया के साथ ही दोपहिया वाहन शामिल हैं. अब कोई भी अधिकारी या कर्मचारी गाड़ियों पर उत्तर प्रदेश सरकार नहीं लिखवा सकेगा.
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ऐसी गाड़ियों पर अब आरटीओ और यातायात विभाग कार्रवाई करेगा. मोटर व्हीकल एक्ट की बात करें तो गाड़ी पर उसके नंबर के अलावा कुछ भी नहीं लिखाया जा सकता है. नंबर लिखने के लिए भी प्लेट की साइज, रंग और फॉन्ट निर्धारित हैं.
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नंबर डिजाइन वाले नहीं हो सकते. वहीं अब कोर्ट के आदेश के बाद कोई पदनाम भी गाड़ियों पर नहीं लिखा जा सकता. चाहे वह किसी भी पद पर हो.
Source : न्यूज स्टेट ब्यूरो