मातृत्व अवकाश (Maternity Leave) को इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court) ने एक बड़ा फैसला दिया है. हाईकोर्ट ने कहा है कि सभी महिला कर्मचारियों को 180 दिन की मातृत्व छुट्टी (Maternity Leave) पाने का वैधानिक अधिकार है. सरकार किसी के भी साथ भेदभाव नहीं कर सकती. चाहे वह स्थायी,अस्थायी या संविदा कर्मचारी ही क्यों न हो.
यह भी पढ़ें- मायावती-मुलायम एक मंच पर आए, तो अखिलेश ने कह दी बड़ी बात, जानिए क्या
मातृत्व छुट्टी (Maternity Leave) न मिलने के कारण बिजनौर के गवाली में पूर्व माध्यमिक विद्यालय में कार्यरत अंशू रानी ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की थी. जिसके बाद कोर्ट ने कहा है कि हर गर्भवती महिला को मातृत्व छुट्टी पाने का अधिकार है. कोर्ट ने बीएसए को यह आदेश दिया है कि याची को मातृत्व छुट्टी (Maternity Leave). यह फैसला जस्टिस प्रकाश पाडिया की एकल पीठ ने दिया है.
मातृत्व लीव
मातृत्व लाभ संशोधन अधिनियम, 2017 के मुताबिक कारखानों, खानों और दुकानों या वाणिज्यिक प्रतिष्ठानों में कार्यरत महिलाओं को गर्भावस्था में 180 दिन यानी 6 महीने की छुट्टी का अधिकार है. पहले इसकी समयावधि 12 सप्ताह थी. जिसे 2017 में केंद्र सरकार ने बढ़ा कर 180 दिन यानी 26 सप्ताह कर दिया.
Source : News Nation Bureau