इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad Highcourt) ने हत्या, जानलेवा सामूहिक हमले के आरोप में सजा भुगत रहे रमेश, पान सिंह, श्रीपाल व अनार सिंह को 19 वर्ष जेल में बिताने के बाद जमानत पर रिहा करने का निर्देश दिया है. कोर्ट (Court) ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने 10 वर्ष से जेल में बंद कैदी की सजा के खिलाफ अपील की निकट भविष्य में सुनवाई की संभावना न होने पर जमानत पर रिहा करने पर विचार किया जाए. यह आदेश न्यायमूर्ति एम सी त्रिपाठी तथा न्यायमूर्ति आशुतोष श्रीवास्तव की खंडपीठ ने रमेश आदि की जमानत अर्जी पर दिया है.
2009 मे आजीवन कैद की सजा सुनाई है
अर्जी पर अधिवक्ता अरविंद कुमार मिश्र ने बहस की. उनका कहना था कि 2005 की घटना को लेकर दर्ज मामले में अपर सत्र अदालत बदायूं ने 2009 मे आजीवन कैद की सजा सुनाई है. उसके खिलाफ अपील दाखिल की गई है. गुन्नौर थाने में दर्ज एफआईआर में सजा के तहत बरेली जेल में बंद हैं.
इससे पहले एक और मामले में 10 जून को हत्या के आरोप में उम्रकैद भुगत रहे 11 वर्ष से जेल में बंद नेम सिंह की जमानत को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मंजूर कर लिया था. हाईकोर्ट ने आरोपित को व्यक्तिगत मुचलके व दो प्रतिभूति पर रिहा करने का आदेश दिया था.
Source : Manvendra Pratap Singh