उत्तर प्रदेश में राजनीतिक पारा चढ़ाने वाले हाथरस कांड को लेकर विरोध का सिलसिला शुक्रवार को भी जारी रहा. इस घटना को लेकर राजधानी लखनऊ में प्रदर्शन कर रहे सपा कार्यकर्ताओं पर पुलिस ने लाठीचार्ज किया. वहीं, महिलाओं पर अपराधों के विरोध में अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (एएमयू) के छात्रों ने भी प्रदर्शन किया. हाथरस घटना और कृषि कानूनों के विरोध में मौन व्रत पर बैठने जा रहे समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ताओं को शुक्रवार को हजरतगंज इलाके में पुलिस ने रोकने का प्रयास किया और जब वे नहीं रुके तो लाठीचार्ज किया तथा उन्हें आगे नहीं जाने दिया. कई सपा विधायक और वरिष्ठ पार्टी नेता पार्टी कार्यालय से एक जुलूस के रूप में पार्टी कार्यालय से निकले और हजरतगंज चौराहे तक पहुंचे जहां पुलिस ने मार्ग पर अवरोधक लगा रखे थे. जब सपा कार्यकर्ताओं ने हजरतंगज स्थित गांधी प्रतिमा तक जाने का प्रयास किया तो उन्हें रोक दिया गया. इसपर पार्टी नेताओं और पुलिस अधिकारियों के बीच बहस हुई जिसके बाद उन्हें वहां से हटाने के लिए पुलिस ने लाठीचार्ज किया.
बापू-शास्त्री की जंयती के दिन सत्य की आवाज़ हिंसक तरीक़े से दबाई
समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने शुक्रवार को एक ट्वीट में कहा, ‘‘आज ‘हाथरस की बेटी’ के लिए ‘मौन व्रत’ रख धरने पर बैठने जा रहे सपा के वरिष्ठ नेताओं व विधायकों को भाजपा सरकार ने गिरफ़्तार कर बापू-शास्त्री की जंयती के दिन सत्य की आवाज़ हिंसक तरीक़े से दबाई है. निंदनीय! सपा हाथरस के डीएम, एसपी पर एफआईआर की माँग करती है.'' समाजवादी पार्टी कार्यालय द्वारा किए गए ट्वीट में कहा गया, ''लखनऊ में शांतिपूर्ण पैदल मार्च कर रहे सपा विधायकों को पुलिस द्वारा दमनकारी सत्ता के इशारे पर रोकना निंदनीय! बापू ने सदा अहिंसा का वरण किया, हाथरस में हैवानियत की शिकार बेटी और बीजेपी सरकार के अत्याचार के खिलाफ गांधी प्रतिमा तक मार्च निकाल रहे विधायकों को अहंकारी, डरी हुई सरकार ने रोका.''
सपा विधायकों और कार्यकर्ताओं को हिरासत में लिया
पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ''हमने कुछ सपा विधायकों और कार्यकर्ताओं को हिरासत में लिया है. उन्हें हजरतगंज से दूर ले जाया गया है. यह कानून व्यवस्था की स्थिति को न बिगड़ने देने के लिए किया गया है.'' प्रदेश में महिलाओं पर बढ़ते अपराध और कथित मानवाधिकार हनन के मुद्दे को लेकर अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय :एएमयू: के छात्रों ने भी विरोध प्रदर्शन किया. प्रदर्शनकारी छात्र बृहस्पतिवार की शाम मशाल जुलूस लेकर एएमयू के प्रवेश द्वार ‘बाब ए सैयद’ पहुंचे, जहां भारी संख्या में पुलिस बल मौजूद था. प्रदर्शनकारी छात्रों ने राष्ट्रपति को संबोधित एक ज्ञापन सिटी मजिस्ट्रेट रंजीत सिंह को सौंपा.
उप्र सरकार को हटाने की मांग की गई
ज्ञापन में प्रदेश में कथित खराब कानून व्यवस्था के लिए उप्र सरकार को हटाने की मांग की गई. एएमयू के छात्रों ने यह भी मांग की कि हर जिले में फास्ट ट्रैक अदालतों का गठन हो और कानून में बदलाव हो ताकि बलात्कारियों को फांसी की सजा मिल सके. वहीं, एएमयू महिला कॉलेज छात्र संघ की पूर्व सचिव मैमूना अंसारी ने कहा कि केंद्र सरकार नागरिकता संशोधन कानून :सीएए: बनाने में व्यस्त है, लेकिन वह महिलाओं और अन्य कमजोर वर्गों के लिए कानून बनाने में नाकाम है. एएमयू के छात्र नेता फरहान जुबैरी ने कहा कि अगर उनकी मांगों पर 48 घंटे में कोई ठोस कार्यवाही नहीं हुई तो छात्र जिलाधिकारी कार्यालय और पुलिस अधिकारियों के कार्यालय पर धरना देंगे.
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