उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में हिंदू समाज पार्टी के नेता कमलेश तिवारी की हत्या के मामले में एक और बड़ा खुलासा हुआ है. तिवारी को मारने के लिए हत्यारों ने दो चाकूओं का इस्तेमाल किया था. वारदात के बाद उन्होंने एक चाकू होटल में छोड़ दिया था, जबकि दूसरा चाकू कमलेश के घर के पास ही फेंक दिया था. हत्यारों की निशानदेही पर पुलिस ने दूसरा चाकू भी बरामद कर लिया है. बता दें कि 18 अक्टूबर को कमलेश तिवारी की उनके आवास पर ही हत्या कर दी गई थी.
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इससे पहले पुलिस ने एक चाकू को राजधानी के एक होटल से बरामद किया था. साथ ही पुलिस को हत्यारों के कमरे (जी-103) में खून से सने भगवा कपड़े और बैग के अलावा शेविंग क्रीम, ब्लेड समेत कई और चीजें भी मिली थीं. एसएसपी कलानिधि नैथानी ने बताया कि होटल के दस्तावेजों से पता चला कि अशफाक और मोइनुद्दीन ने 17 अक्टूबर की रात 11:08 बजे होटल में प्रवेश किया था. फिर दूसरे दिन सुबह साढ़े 10:38 बजे होटल से भगवा वेश में निकले थे. दो घंटे 43 मिनट में ही पूरी वारदात कर दोपहर में एक बजकर 21 मिनट पर होटल लौटे थे. यहां कपड़े बदले और 16 मिनट बाद ही होटल से निकल गए थे.
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बता दें कि अशफाक और मोइनुद्दीन की मदद के आरोप में अब तक 10 लोग गिरफ्तार किए जा चुके हैं. दोनों हत्यारों की मदद करने वाले बरेली के वकील मो. नावेद और लखीमपुर के पलिया निवासी रईस और आसिफ को पूछताछ के बाद शनिवार को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया. नावेद ने अशफाक और मोइनुद्दीन को बरेली में दरगाह में रुकवाने से नेपाल बार्डर तक पहुंचाने में मदद की थी. रईस और आसिफ ने नावेद के कहने पर दोनों को 10 हजार रुपये की मदद की थी. एसटीएफ, एसटीएस और क्राइम ब्रांच की टीमें नावेद के पार्टनर की तलाश में जुटी हैं.
Source : डालचंद