उत्तर प्रदेश के कानपुर के लैब टेक्निशियन के अपहरण और हत्या के सुलझा भी नहीं था कि एक और ऐसी घटना को अंजाम दे दिया गया है. यूपी के गोरखपुर के पिपराइच थाना क्षेत्र में एक परचून व्यापारी के बेटे का अपहरण कर उसकी हत्या कर दी गई है. अपहृत बच्चे बलराम का शव सोमवार को पिपराइच क्षेत्र के जंगल तिनकोनिया नंबर-2 के केवटहिया नाले के पास से बरामद हुआ है. इस मामले पुलिस ने पांच आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है. इसके साथ ही आरोपियों पर एनएसए लगाने की तैयारी कर ली गई है.
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पुलिस के गिरफ्त में आए आरोपियों ने बताया कि प्रापर्टी का काम करने वाले दयानंद और मुन्ना चौहान ने अजय गुप्ता का पैसा चुकाने के लिए यह प्लान बनाया था.अजय गुप्ता ने प्रापर्टी का काम करने वाले दयानंद को डेढ़ लाख रुपये उधार दिया था और वह पैसा मांग रहा था. दयानंद को पता था महाजन गुप्ता ने जमीन बेची है और कमीशन के नाम पर भी उसे काफी पैसा मिला है लिहाजा महाजन के इकलौते बेटे का अपहरण कर उनसे फिरौती वसूली जा सकती है. उन्हें पता था कि इस योजना के पूरा होने पर न सिर्फ उनका उधार चुकता हो जाएगा बल्कि काफी रकम भी आ जाएगी. दयानंद और मुन्ना ने इसमें अन्य लोगों को भी शामिल किया और सभी इसके लिए तैयार हो गए.
गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश के गोरखपुर स्थित जंगल छत्रधारी गांव के मिश्रौलिया टोला निवासी महाजन गुप्त घर में ही किराना दुकान चलाते हैं. उनका बेटा बलराम रविवार को दोपहर 12 बजे के आसपास दोस्तों के साथ खेलने निकला था. उसके बाद से घर नहीं लौटा. तीन बजे महाजन गुप्त के मोबाइल पर अनजान नंबर से फोन आया. फोन करने वाले ने बताया कि बलराम का अपहरण कर लिया गया है. उसे छुड़ाने के लिए एक करोड़ रुपये का इंतजाम करने की बात कह उसने फोन काट दिया.
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महाजन ने पलटकर उस नंबर पर फोन किया, तो मोबाइल स्विच ऑफ मिला, लेकिन थोड़ी देर बाद 10-10 मिनट के अंतराल पर उसी नंबर से दो बार फोन आया. महाजन को बेटे के अगवा होने की बात पर भरोसा नहीं हो रहा था, इसलिए उन्होंने पहले गांव में उसकी तलाश की. पता न चलने पर लोगों को बेटे के अपहरण और फिरौती के लिए आए फोन की जानकारी दी. शाम पांच बजे 112 नंबर पर फोन कर उन्होंने पुलिस को सूचना दी. कुछ ही देर में क्षेत्राधिकारी चौरीचौरा रचना मिश्रा के अलावा पिपराइच और गुलरिहा थाने की पुलिस तथा क्राइम ब्रांच व एसटीएफ गोरखपुर की टीम मौके पर पहुंचकर मामले की छानबीन में जुट गई.