हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने महिलाओं से छेड़खानी की घटनाओं पर विराम लगाने के लिए उत्तर प्रदेश में योगी सरकार के निर्देश पर एंटी रोमियों स्क्वॉड के गठन पर मुहर लगा दी है। कोर्ट ने साफ तौर पर कहा है कि इसमें कोई कानूनी या संवैधानिक रोक नहीं है।
आपको बता दे कि यह आदेश जस्टिस एपी साही व जस्टिस संजय हरकोली की बेंच ने वकील गौरव गुप्ता की याचिका पर दिया। कोर्ट ने कहा है इस अभियान के जरिए पुलिस के सादी वर्दी में जगह-जगह छापेमारी करना अवैधानिक नहीं है।कोर्ट ने पुलिस दलो के जरिए कार्यवाही करने पर रोक लगाने की मांग सिरे से नकार दी।
क्या कहा गया था याचिका में
एंटी रोमियो स्क्वॉड के जरिए पुलिस लोगों की प्राइवेसी भंग कर रही है और नवजवान जोड़ों को परेशान कर रही है। इस याचिका में कहा है कि संविधान में सबको स्वछंद रूप से घुमने का अधिकार और एंटी रेामियों दल इस अधिकार का हनन कर रही है।
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कोर्ट ने कहा कि 'तमिलनाडु में 1998 मे महिलाअेां के उत्पीड़न को रोकने के लिए कानून बनाया गया है और गोवा में भी 2013 में कुछ ऐसा ही कानून है। इसकी तर्ज पर प्रदेश में भी जरूरत पड़ने पर कानून बनाया जा सकता है।' कोर्ट ने कहा यदि किसी मामले में पुलिस की ज्यादती सामने आती है तो पीड़ित के लिए कानून के दरवाजे खुले है।
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Source : News Nation Bureau