कश्मीर में नरसंहार के दौरान मारे गए हिंदुओं की आत्मशांति के लिए काशी में अनुष्ठान हुआ। कश्मीर फाइल में अभिनय कर चुके अनुपम खेर ने वाराणसी के पिशाच मोचन तीर्थ कर्मकांडी विद्वानों के साथ कश्मीर में मारे गए कश्मीर पंडितो के आत्मा की शांति के लिए श्राद् किया. इस दौरान उन्होंने ये भी कहा की कश्मीरी पंडितो का कश्मीर में विस्थापन जरूरी पर अभी - भी कश्मीर में हालात ठीक नहीं। कश्मीर फाइल्स फिल्म के दौरान अभिनेता अनुपम खेर ने कहा था कि वह फिल्म के बाद कश्मीरी पंडितों की आत्मा की शांति के लिए श्राद्ध करेंगे. अपने इस वादे को अनुपम खेर ने आज काशी के कर्मकांड विद्वानों के साथ निभाया और काशी के पिता चरण तीर्थ पर पूरे विधि विधान से त्रिपिंडी श्राद्ध किया. इसके बारे में पिसाच मोचन तीर्थ से ज्यादा जानकारी दे रहे है.
अभिनेता अनुपम खेर के साथ समस्त कर्मकांड काशी के प्रख्यात वैदिक विद्वान के आचार्यत्व में कराया गया। सबसे पहले तीन कलश स्थापित किए गए। इसके बाद अगले दो घंटों में अलग-अलग चरणों में श्राद्ध कर्म के विविध विधान पूरे किए गए। त्रिपिंडी श्राद्ध का कर्मकांड पूर्ण होने के उपरांत नारायण बलि का विधान किया गया। इस अनुष्ठान में जाने इस विशेष अनुष्ठान को काशी के नौ ब्राह्मणों ने पूर्ण करवाया। श्राद्ध के बाद अभिनेता अनुपम खेर ने कहा की हमने पहले ही तय किया था. यहां आकर श्राद्ध करेंगे इसलिए हमने यहां आकर सभी का की उन्होंने ये भी कहा कश्मीरी पंडितो का कश्मीर में विस्थापन जरूरी पर अभी - भी कश्मीर के हालात ठीक नहीं है।
काशी जहां सभी को मोक्ष मिलता है इसी कमाना को लेकर। 1990 के दशक में कश्मीर में हुए नरसंहार में मारे गए कश्मीरी पंडितो के लिए त्रिपिंडी श्राद किया गया. यह के बुद्धिजीवी और कर्मकांडी विद्वान मानते हैं की जो लोग अकाल मृत्यु के शिकार होते है बिना श्राद के उन्हे मुक्ति नहीं मिलती. ऐसे में आज इनकी मुक्ति के लिए लगभग 1000 कश्मीरी पंडितो का श्राद्ध किया गया। कश्मीर नरसंहार के लगभग 30 सालों बाद नरसंहार में मारे गए कश्मीरी पंडितों के मोक्ष की कामना को लेकर आज काशी में त्रिपिंडी श्राद्ध किया गया.
Source : Sushant Mukherjee