बुलंदशहर हिंसा में इंस्पेक्टर सुबोध सिंह को गोली मारने के शक में सेना के जवान जीतू फौजी को एसटीएफ (STF) की टीम जम्मू-कश्मीर में लेने गई है. लेकिन अभी तक सफलता उनके हाथ नहीं लगी है. इस मामले में सेना का कहना है कि अगर पुलिस सबूत पेश करती है तो वो जीतू को सामने लाएंगे. इसके साथ ही सेना ने एसटीएफ को पूरा सहयोग देने का भी आश्वासन दिया है. सेना प्रमुख बिपिन रावत ने कहा है कि अगर जीतू के खिलाफ कोई सबूत होगा और पुलिस को उस पर शक है तो हम उसे सामने लाएंगे. हम पुलिस को पूरी तरह से मदद कर रहे हैं.'
इससे पहले खबर आ रही थी कि एसटीएफ की टीम ने जीतू फौजी को हिरासत में ले लिया है और उसे दिल्ली लेकर आई है. लेकिन सेना की तरफ से आए बयान ने इसे साफ कर दिया है कि जीतू अभी भी एसटीएफ की पहुंच से दूर है.
इधर जीतू की मां ने अपने बेटे के ऊपर लगे आरोपों के बाद कहा है कि अगर उनका बेटा दोषी है तो उसे गोली मार दीजिए. बता दें कि साईटी (SIT) की जांच में एक वीडियो पुलिस के हाथ लगी है जिसमें फौजी द्वारा इंस्पेक्टर सुबोध सिंह (inspector subodh singh) को गोली मारे जाने के कथित तौर पर सबूत मौजूद हैं.
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गौरतलब है कि 3 दिसंबर (सोमवार) को बुलंदशहर (bulandshahr violence) उस वक्त सुगल उठा जब गोकशी के शक में भीड़ थाने पर पथराव शुरू कर दिए. इस हंगामा में इंस्पेक्टर सुबोध कुमार समेत एक युवक सुमित कुमार की गोली लगने से मौत हो गई थी. इस मामले में एसआईटी ने जांच रिपोर्ट योगी सरकार को सौंप दी है. जिसमें पुलिस की लापरवाही का मामला सामने आया है. रिपोर्ट आने के बाद अतिरिक्त पुलिस महानिरीक्षक एसबी शिराडकर, सर्किल ऑफिसर (सीओ) सत्या प्रकाश शर्मा और चिंगरावठी पुलिस चौकी के प्रभारी सुरेश कुमार का तबादला कर दिया गया.
Source : News Nation Bureau